चारधाम की यात्रा पर जाने वालों के लिए अच्छी खबर, हेलिकॉप्टर सेवाएं सस्ती… सरकार ने घटाया टैक्स

जीएसटी परिषद की हुई बैठक में सोमवार को बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में धार्मिक यात्राओं में शामिल हेलिकॉप्टर सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई. इससे केदारनाथ, बद्रीनाथ और चारधाम की यात्रा करने वालों को राहत मिलेगी.

हेलिकॉप्टर सेवा पर घटाया टैक्स Image Credit: Prasanta Biswas/Majority World/Universal Images Group via Getty Images

जीएसटी परिषद की हुई बैठक में सोमवार को बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में धार्मिक यात्राओं में शामिल हेलिकॉप्टर सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई, जिससे धार्मिक यात्राओं जैसे चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी. इससे यात्रियों के खर्च में भी कमी आयेगी. ये कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए लिया गया है.

सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक हुई थी,जिसमें धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इनमें प्रयोग होने वाले हेलिकॉप्टर पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई. इस फैसले से जिन धार्मिक यात्राओं में श्रद्दालु हेलिकॉप्टर की सहायता लेते हैं. उन्हें राहत मिलेगी. इससे केदारनाथ, बद्रीनाथ और चारधाम की यात्रा करने वालों को राहत मिलेगी.

उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने दी इसकी जानकारी

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने इस निर्णय के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है. पीटीआई की रिपोर्ट की मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ और भी चारधाम की यात्राओं पर यात्रियों को ले जाने वाले हेलिकाप्टर सेवाओं पर टैक्स 18 फीदसी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया है.
इसके पीछे पीछे का का मकसद श्रद्धालुओं की यात्रा खर्च को कम करने का है. हेलिकॉप्टर सेवा पर टैक्स कम होने से हेलिकॉप्टर सेवा श्रद्धालुओं को कम पैसे में मिल जाएगी. इससे यात्री कम पैसों में तो यात्रा करेंगे ही साथ ही उनका समय भी बचेगा.

जीएसटी परिषद में लिए अहम फैसले

जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा को लेकर भी फैसले लिए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दर में कमी के लिए नया मंत्रिसमूह बनाने का निर्णय लिया गया है. इसकी अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री करेंगे. इसके साथ ही केंद्र या राज्य सरकार के कानूनों तहत स्थापित विश्वविद्यालय और शोध केंद्रों को शोध निधि पर छूट दी जाएगी.