गूगल पे पर चुटकियों में मिलेगा गोल्ड लोन, गूगल ने मुथूट फाइनेंस के साथ की साझेदारी

गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी मोबाइल पेमेंट सेवा गुगल पे के माध्यम से गोल्ड लोन देने के लिए मुथूट फाइनेंस के साथ हाथ मिला लिया है. इसके अलावा, गूगल ने कई और घोषणाएं की.

गुगल पे और मुथूट फाइनेंस की साझेदारी Image Credit: Internet

गूगल ने मुथूट फाइनेंस के साथ हाथ मिला लिया है. गूगल ने खुद इस बात की पुष्टि की है. दरअसल गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी मोबाइल पेमेंट सेवा गुगल पे के माध्यम से गोल्ड लोन देने के लिए मुथूट फाइनेंस के साथ हाथ मिला लिया है. 3 अक्टूबर 2024 से उसका एआई जेमिनी लाइव हिंदी में उपलब्ध होगा.

इसके बाद यह आठ और भारतीय भाषाओं को इसमें अवेलेबल हो जाएगा. Google Pay मुथूट फाइनेंस के साथ मिलकर गोल्ड-लोन पेश करके GPay का विस्तार कर रहा है. गूगल इंडिया के एमडी रोमा दत्ता चौबे के अनुसार, दुनिया का लगभग 11 प्रतिशत सोना भारत में है. गूगल ने कहा कि भारत भर के लोग अब सस्ती ब्याज दरों के साथ इस क्रेडिट उत्पाद का उपयोग कर सकते हैं.

इसके अलावा, गूगल ने घोषणा की है कि:

  • 3 अक्टूबर 2024 से एआई जेमिनी लाइव हिंदी में उपलब्ध होगा.
  • अगले कुछ महीनों में जेमिनी फ्लैश 1.5 लॉन्च किया जाएगा.
  • गूगल क्लाउड इंडिया ने नंदन नीलेकणी के एक स्टेप फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘डीपीआई इन ए बॉक्स’ बनाया है.
  • सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन को 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है ताकि वंचित समुदायों में एआई साक्षरता को बढ़ावा दिया जा सके.

Google ने यह भी कहा कि वह अगले कुछ महीनों के भीतर भारत में जेमिनी फ्लैश 1.5 लॉन्च करने के लिए तैयार है. यह अपग्रेड क्लाउड और AI समाधानों को सुरक्षित रूप से लागू करने में सक्षम है. Google क्लाउड इंडिया के उपाध्यक्ष और कंट्री एमडी बिक्रम सिंह बेदी ने कहा, “Google क्लाउड भारतीय व्यवसायों और इनोवेटर्स के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे ओपन-सोर्स जेमिनी एजेंट फ्रेमवर्क और ‘DPI इन ए बॉक्स’ पर सहयोग जैसी पहलों के माध्यम से भारत के डिजिटल परिदृश्य को आगे बढ़ा रहे हैं. साथ ही डिजिटल समावेशन के लिए एक खाका भी तैयार कर रहे हैं.”

गूगल ने नंदन नीलेकणी के एक स्टेप फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘डीपीआई इन ए बॉक्स’ बनाया है. यह एक प्लग-एंड-प्ले मॉडल है. जो ओपन नेटवर्क, पहचान, डिजिटल क्रेडेंशियल्स और अन्य डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं पर आधारित है. जिसके जरिए अन्य देश अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकें. भारत में वंचित समुदायों में एआई साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन को 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है.