RVNL, IRCON, RailTel और IRCTC का होगा विलय? रेल मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट
रेलवे मंत्रालय के तहत आने वाली RVNL, IRCON, RailTel और IRCTC के संभावित विलय को लेकर संसद में सवाल उठा. इस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि फिलहाल इन PSU कंपनियों के मर्जर की कोई योजना नहीं है. हालांकि, सरकार ने भविष्य में इस तरह के किसी कदम से इनकार नहीं किया.
Railway PSU Merger: भारतीय रेलवे से जुड़ी चार प्रमुख PSU कंपनियों के संभावित विलय को लेकर हाल ही में संसद में सवाल उठा. लोकसभा सांसद पुट्टा महेश कुमार ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछा कि क्या सरकार Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL), IRCON International Ltd (IRCON), RailTel Corporation of India Ltd (RCIL) और Indian Railway Catering and Tourism Corporation Ltd (IRCTC) को मिलाकर एक कंपनी बनाने की योजना बना रही है? इस सवाल के बाद रेलवे PSUs के भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई.
क्या रेलवे PSU कंपनियों का होगा विलय?
RVNL, IRCON, RailTel और IRCTC सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (CPSEs) हैं, जो रेलवे मंत्रालय के अधीन आती हैं और शेयर बाजार में लिस्टेड हैं. सांसद ने सरकार से यह भी पूछा कि इस संभावित विलय से PSUs की कार्यक्षमता, प्रशासनिक ढांचे और कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा, उन्होंने जानना चाहा कि क्या यह सुधार रेलवे से जुड़े पुराने मुद्दों जैसे भ्रष्टाचार, जवाबदेही की कमी और प्रशासनिक अक्षमता को हल करने में मदद करेगा.
सरकार का क्या कहना है?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि PSU कंपनियों के विलय का फैसला उनके आपसी तालमेल, बाजार की स्थिति और पूंजीकरण के प्रभाव को देखते हुए लिया जाता है. उन्होंने साफ किया कि इस समय RVNL, IRCON, RailTel और IRCTC के विलय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि विलय जैसे मामलों की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) की होती है.
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हालांकि, सरकार ने इस समय किसी विलय की योजना से इनकार किया है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को मजबूत और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भविष्य में ऐसा कोई कदम उठाया जा सकता है. इससे पहले, सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों के विलय को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है, जिससे बैंकिंग सेक्टर में सुधार देखा गया. रेलवे से जुड़ी इन कंपनियों के निवेशकों और कर्मचारियों को फिलहाल किसी बदलाव की चिंता करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर भविष्य में कोई विलय होता है, तो इससे रेलवे से जुड़ी सेवाओं में सुधार और प्रशासनिक लागत में कटौती की संभावना हो सकती है.