चीनी पावर बैंक से सावधान , ग्राहकों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा, सरकार का एक्शन

भारत में चीनी पावर बैंकों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं. जानें, कैसे घटिया उत्पाद उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं और सरकार ने बाजार को सुधारने के लिए क्या सख्त कदम उठाए हैं.

चीनी पावर बैंक खरीदारों को कर रही है गुमराह Image Credit: Money9 Live

बाजार में आपको बेहद सस्ते कीमत में कई इलेक्ट्रॉनिक्स सामान मिल जाते हैं. लेकिन इसकी क्वालिटी दाम की तरह ही सस्ती होती है. ये सामान ज्यादातर चीन से आयात होकर भारतीय बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे होते है. इन सामानों की बिक्री ग्राहकों को धोखा देने जैसी है. ऐसे में केंद्र सरकार ने जनता के हित को ध्यान में रखते हुए घटिया क्वालिटी की चीनी पावर बैंक पर नकेल कसा है.

ये पावर बैंक न केवल सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों पर खरे नहीं उतर रहे, बल्कि कम कीमत के कारण तेज बिक्री बाजार में असंतुलन को पैदा कर रही थी.

पावर बैंकों की क्षमता पर उठे सवाल

इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा की गई जांच में पता चला कि 10,000mAh क्षमता का दावा करने वाले पावर बैंकों की वास्तविक क्षमता मात्र 4000-5000mAh तक थी. इस समस्या की वजह चीनी कंपनियों द्वारा घटिया लिथियम-आयन सेल का इस्तेमाल करना है. अधिकारियों ने बताया कि एक नई खरीदी गई पावर बैंक, जो मोबाइल फोन को कम से कम दो बार चार्ज करने में सक्षम होनी चाहिए केवल एक बार चार्ज करने के बाद ही बंद हो जाती है.

BIS ने दो चीनी कंपनियों पर कार्रवाई की

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हाल ही में दो चीनी कंपनियों के भारत में पंजीकरण रद्द कर दिए. ये कंपनियां गुआंगडोंग कावासुन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी कंपनी और गैंज्होव नोवेल बैटरी टेक्नोलॉजी हैं. ये कंपनियां भारत में आधे से अधिक लिथियम-आयन सेल की आपूर्ति करती थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य चीनी आपूर्तिकर्ता गैंज्होव ताओयुआन न्यू एनर्जी कंपनी भी BIS के रडार पर है.

स्थानीय निर्माण को मिल सकता है बढ़ावा

भारत में हर महीने चीन से 1.5-2 मिलियन लिथियम-आयन सेल का आयात होता है. इस बड़े आयात से लोकल निर्माता कम्पटिशन में पिछड़ रहे थे. हालांकि इस बैन के बाद लोकल कंपनियों के निर्यात में तेजी आएगी.

ET के हवाले से एक वरिष्ठ कार्यकारी ने बताया, “दक्षिण भारत की एक फैक्ट्री हर महीने 6 लाख यूनिट बनाने की क्षमता रखती है और हरियाणा में एक और बड़ी फैक्ट्री जल्द शुरू होने वाली है. लेकिन चीनी आपूर्तिकर्ताओं की कीमतों के कारण स्थानीय उत्पादकों को मुश्किलें हो रही थीं.”

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ICEA ने दी चेतावनी

सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने पावर बैंक निर्माताओं को सलाह दी है कि वे घटिया गुणवत्ता वाली लिथियम-आयन सेल खरीदने से बचें. ICEA ने कहा, “प्रतिबंधित आपूर्तिकर्ताओं से सेल खरीदने वाले व्यवसायों को BIS अधिनियम, 2016 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें वित्तीय दंड और यहां तक कि प्रमुख कर्मियों को जेल की सजा का प्रावधान है.”

सरकार की कार्रवाई के बाद पावर बैंकों की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की संभावना है.