स्टार्टअप के लिए अब सरकार से मिलेगी सीधी सलाह और मदद, मंत्री पीयूष गोयल ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए एक नई सुविधा शुरू की है, जिससे नवोदित उद्यमियों को सीधी मदद मिल सकेगी. साथ ही टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों को मिलेगी खास प्राथमिकता. जानिए क्या है ये नई व्यवस्था और कैसे उठाएं इसका फायदा.
देश के युवाओं में कुछ नया करने की चाहत है लेकिन कई बार सही दिशा और सहयोग की कमी उन्हें रोक देती है. इसी कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को एक बड़ा ऐलान किया, जो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
मंत्रालय में बनेगा स्टार्टअप इंडिया हेल्पडेस्क
पीयूष गोयल ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय में Startup India Desk बनाया जाएगा, जो देशभर के नए उद्यमियों के लिए एक हेल्पलाइन का काम करेगा. ये हेल्पलाइन एक चार अंकों का टोल-फ्री नंबर होगा जिस पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी सहायता मिलेगी. स्टार्टअप्स इस हेल्पलाइन के जरिए अपने सुझाव साझा कर सकेंगे और अगर किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो उसे सरकार के सामने सीधे रख सकेंगे.
गोयल ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए दूसरा फंड ऑफ फंड्स शुरू किया है जिसकी कुल राशि 10,000 करोड़ रुपये रखी गई है. इसमें से 2,000 करोड़ रुपये की पहली किश्त SIDBI (Small Industries Development Bank of India) को दी जाएगी. यह फंड खासतौर पर शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स और डीप-टेक इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
AI और बायोटेक जैसे सेक्टर पर फोकस
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस फंड के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग, बायोटेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर डिजाइन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. ये वे क्षेत्र हैं जिनमें शुरुआती निवेश के बाद रिटर्न आने में लंबा वक्त लगता है इसलिए सरकार उन्हें शुरुआती पूंजी देकर आगे बढ़ाने की योजना बना रही है.
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पीयूष गोयल ने SIDBI से आग्रह किया कि हर राज्य में कम से कम एक स्टार्टअप सपोर्ट सेंटर स्थापित किया जाए, जहां शुरुआती उद्यमियों को आवश्यक आधारभूत ढांचा और साझा सुविधाएं मिल सकें. पीयूष गोयल ने अंत में कहा कि सरकार स्टार्टअप्स को नियंत्रित नहीं बल्कि सक्षम बनाना चाहती है. उन्होंने कहा, “हमें भारत की पूरी क्षमता को खोलना है सहयोग के जरिए, नियंत्रण के नहीं। सरकार आपके सफर में साथी बनकर चलेगी.” यह पहल न सिर्फ उद्यमियों को राहत देगी, बल्कि भारत को तकनीकी नवाचार की वैश्विक दौड़ में अग्रणी बनाएगी।