भारत सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स हटाया, आज से होगा लागू

भारत सरकार ने मंगलवार को कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स हटाने की घोषणा की है. यह कदम कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बीच उठाया गया है. अप्रैल में जहां बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें 92 डॉलर प्रति बैरल थीं, वहीं अब 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं.

भारत सरकार विंडफॉल टैक्स घटाया Image Credit: Bloomberg Creative Photos/Getty Images

भारत सरकार ने मंगलवार को कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स हटाने की घोषणा की है. सरकार ने 1,850 रुपये प्रति टन से विंडफॉल टैक्स हटाने की बात कही है. सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह 18 सितंबर से प्रभावी होगा. भारत ने 19 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था. टैक्स लगाए जाने के बाद यह दूसरा मौका है जब इसे घटा कर शून्य किया गया है. पिछली बार 4 अप्रैल 2023 को इसे घटा कर शून्य किया गया था.

यह कदम कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बीच उठाया गया है. अप्रैल में जहां बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें 92 डॉलर प्रति बैरल थीं, वहीं अब 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं.

भारत में विंडफॉल टैक्स

भारत में जुलाई 2022 से कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया था, क्योंकि निजी रिफाइनरियां ज्यादा मुनाफे के लिए घरेलू बाजार के बजाय विदेशों में ईंधन बेचना चाहती थीं.

इससे पहले केंद्र सरकार ने 31 अगस्त को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपये से घटाकर 1,850 रुपये प्रति टन कर दिया था. भारत सरकार हर पखवाड़े में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है, और कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद इसमें कटौती की गई है.

क्या होता है विंडफॉल टैक्स

जब भी कंपनियों या उद्योगों को किसी खास परिस्थिति में अत्यधिक लाभ मिलता है, उन हालातों में कंपनियों या उद्योगों पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है. सरकार इसे तब लगाती है जब वह मुनाफे का एक हिस्सा प्राप्त करना चाहती है. विंडफॉल टैक्स का एक उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा है.

युद्ध के कारण तेल और गैस जैसी वस्तुओं की कमी हो गई, जिससे दुनिया भर में उनकी कीमतें आसमान छूने लगीं. इस स्थिति से भारतीय तेल कंपनियों को लाभ हुआ, जिसके कारण उन्होंने वर्ष 2022 में भारी मुनाफा कमाया. नतीजतन, सरकार ने अपने व्यापार घाटे से निपटने और खाद्य और उर्वरकों पर खर्च बढ़ाने के लिए तेल उत्पादक कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था.