नेशनल हाईवे पर टोल के मंथली पास पर विचार कर रही सरकार : नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल का कुल टोल कलेक्शन में 26 फीसदी का योगदान है, ऐसे में मंथली पास बनाने से सरकार को खास राजस्व हानि नहीं होगी.

नितिन गडकरी Image Credit: PTI

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि केंद्र सरकार टोल टैक्स के लिए मंथली और सालाना पास बनाए जाने पर विचार कर रही है. बुधवार को गडकरी ने कहा कि सरकार प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल के लिए टोल टैक्स के मंथली और ईयरली पास बनाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही गडकरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली कुल टोल वसूली में निजी वाहनों की हिस्सेदारी महज 26 फीसदी है.

गांव के बाहर बनेंगे टोल बूथ

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि अब इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाएगा कि टोल बूथ गांवों के बाहर बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीणों की आवाजाही में व्यवधान न आए. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “टोल रेवेन्यू का 74 फीसदी हिस्सा कमर्शियल व्हीकल से आता है. लिहाजा हम निजी वाहनों के लिए मासिक या वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि कुल टोल कलेक्शन में निजी वाहनों की हिस्सेदारी केवल 26 फीसदी है, ऐसे में पास बनाने से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा.

GPS से जुड़ेगा टोल

गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में बाधा रहित ग्लोबल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली को शुरू में लागू करने का फैसला लिया है. गडकरी ने कहा, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम मौजूदा सिस्टम से बेहतर और प्रभावी साबित होगा.”

जीएनएसएस पर हो चुका है अध्ययन

गडकरी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में जीएनएसएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम का कर्नाटक में एनएच-275 के बेंगलुरु-मैसूर सेक्शन और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार सेक्शन पर पायलट अध्ययन किया गया. इस कदम का मकसद टोल बूथ पर लगने वाले ट्रैफिक जमा को कम करना और नेशनल हाईवे पर की गई कुल यात्रा की गई सटीक दूरी मापना है. इससे कुल टोल भी कम लगेगा.

घट रहा है टोल बूथ पर वेटिंग टाइम

2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों के लिए औसत वेटिंग टाइम 8 मिनट था. 2020-21 और 2021-22 के दौरान फास्टैग की शुरुआत के साथ वाहनों का यह औसत समय घटकर 47 सेकंड रह गया. खासतौर पर कुछ स्थानों पर जो शहरों के आसपास या घनी आबादी वाले कस्बों के पास हैं, वहां वेटिंग टाइम में काफी सुधार हुआ है. लेकिन, पीक ऑवर्स के दौरान टोल प्लाजा पर अब भी काफी देरी लगती है.

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