सरकार डायरेक्ट टैक्स में करेगी रिफॉर्म, आगामी बजट में दिख सकती है झलक!
क्या आपको भी टैक्स से जुड़े कानूनों को समझने में दिक्कत होती है, शायद होती ही होगी क्योंकि वाकई में हमारे टैक्स कानूनों की भाषा काफी जटिल होती है. सरकार अब आसान भाषा में टैक्स कानूनों को लाने की योजना बना रही है.
साल 2025 में पेश होने वाले बजट को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. आपको याद होगा मोदी सरकार ने कई बार टैक्स सिस्टम को आसान बनाने की वकालत की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछला बजट पेश करने के दौरान कहा था कानूनों को सरलता से समझाने पर काम किया जाएगा. अगर आप आज टैक्स के कानूनों को समझने जाएंगे तो पूरी तरह उलझ जाएंगे, इसके लिए आपको किसी सीए या टैक्स एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी CBDT इनकम टैक्स कानूनों का एक सरल वर्जन तैयार करने पर काम कर रही है.
दरअसल CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार सीबीडीटी टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने के लिए टैक्स से जुड़े कानूनों को सरल करने पर काम चल रहा है. इसके लिए सीबीडीटी समीक्षा कर रही है ताकि कानूनी दांव पेंच कम हो सके और सरकार और इंडस्ट्री के लिए विवादों का बोझ कम हो सके.
टैक्स कानूनों को आसान भाषा में करने पर जोर
इस रिपोर्ट के अनुसार, इस समीक्षा का एक बड़ा उद्देश्य इनकम टैक्स कानूनों की भाषा को सरल बनाना है, हालांकि टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार केवल टैक्स से जुड़े कानून की भाषा को आसानी से समझने लायक बनाने पर ध्यान दे रही है.
विवादों में कमी लाने का लक्ष्य
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में कुछ पेनल्टी से जुड़े प्रावधानों को आसान बनाने पर विचार किया जा रहा है. इससे विवादों में कमी आएगी और साथ ही विवादों के मैनेजमेंट में भी सुधार होगा. इस कदम का एक बड़ा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इंडस्ट्री और सरकार के बीच विवादों की संख्या कम हो.
पैनल का गठन
देश में इनकम टैक्स कानूनों को बनाने वाली और इसका पालन करवाने वाली सीबीडीटी ने इस काम के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया है. यह पैनल इनकम टैक्स एक्ट, 1961 का डिटेल में स्टडी कर रहा है और इसे आसान बनाने के लिए काम कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इसके लिए FAQ (टैक्स नियमों से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सावलों) को भी शामिल किया जाएगा.
TDS, TCS और कैपिटल गेंस के प्रावधानों में होगा बदलाव?
रिपोर्ट में ऐसे संकेत मिलते हैं कि इस समीक्षा के बाद TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स), TCS (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) और कैपिटल गेंस से जुड़े प्रावधानों को भी आसान बनाया जा सकता है. हालांकि इससे जुड़ी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
अगर इस तरह के बदलाव होते हैं तो सरकार इस समीक्षा के प्रस्तावों को आने वाले 2025 के बजट में पेश कर सकती है.