राजीव जैन की GQG और LIC ने बढ़ाई अडानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी, इन शेयरों में दिख सकती है हलचल
GQG Partners-Adani Group: राजीव जैन की अगुआई वाली जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. यह कदम अमेरिकी रिश्वत फ्रॉड के मामले के बावजूद जीक्यूजी पार्टनर्स का अडानी समूह पर भरोसा कायम होने का संकेत है.

GQG Partners-Adani Group: राजीव जैन की अगुआई वाली जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने वित्त वर्ष 2025 के अंत में अडानी समूह की चार कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. जबकि सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने भी समूह की चार कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है. NDTV Profit के अनुसार, जीक्यूजी पार्टनर्स ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के दौरान अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी 28 बेसिस तक बढ़ाई और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में 17 बेसिस प्वाइंट की हिस्सेदारी बढ़ाई है. इन दोनों कंपनियों में जीक्यूजी पार्टनर्स ने अपनी हिस्सेदारी में इजाफा किया है.
हिस्सेदारी में यह बढ़ोतरी ऐसे तिमाही में देखी गई, जब बाजार की स्थिति उथल-पुथल भरी थी और वैश्विक स्तर पर परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं. अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के बाद मंदी की बढ़ती चिंताओं के बीच विदेशी निवेशकों भारतीय मार्केट से बिकवाली की.
अंबुजा सीमेंट्स में LIC ने बढ़ाया स्टेक
LIC ने अडानी समूह की कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी एसीसी लिमिटेड में 1.12 फीसदी बढ़ी है, इसके बाद अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड में सरकारी बीमा कंपनी ने 0.48 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाई है. गुरुवार को इन कंपनियों के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है.
अमेरिकी रिश्वत घोटाले के शांत होने के बाद वापसी
GQG की वापसी 265 मिलियन डॉलर के अमेरिकी रिश्वत घोटाले के शांत होने के बाद आई है. नवंबर में यूएस डीओजे और एसईसी ने आरोप लगाया कि अडानी के अधिकारियों ने सोलर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को लाखों डॉलर की रिश्वत दी थी. अडानी समूह ने आरोपों को स्पष्ट रूप से निराधार बताकर नकार दिया.
हिंडनबर्ग से मिले झटके के दौर में किया था सपोर्ट
रिश्वत के मामले को शांत होने के बाद अडानी समूह के शेयरों की स्थिति फरवरी से बदलनी शुरू हो गई. जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के बाद जैन की GQG पार्टनर्स अडानी समूह में शुरुआती निवेशकों में से थी.
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