GST Council Meet: जोमैटो-स्विगी का खाना हो सकता है सस्ता, लग्जरी चीजों के लिए अलग स्लैब का प्रस्ताव !
GST काउंसिल की बैठक में हेल्थ केयर, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, लाइफ इंश्योरेंस सहित कई सेक्टर के टैक्स स्लैब में बदलाव किए जा सकते हैं. 55वें काउंसिल बैठक में तकरीबन 148 आइटम्स के दर में फेरबदल पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है.
GST काउंसिल की 55 वीं मीटिंग शनिवार, 21 दिसंबर को होने जा रही है, इस बार की मीटिंग में इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स की कटौती से लेकर सिन टैक्स पर सबसे ज्यादा चर्चा है. ऐसी उम्मीद है काउंसिल इस पर अहम फैसला कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार GST काउंसिल अपनी बैठक के दौरान लाइफ और हेल्थ केयर बीमा प्रीमियम पर टैक्स दरों को कम करने पर चर्चा कर सकती है. इसके अलावा लग्जरी घड़ियां (जिन्हें हाथ में पहना जाता है), जूतों पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाया जा सकता है. इन सभी महंगी चीजों के लिए 35 फीसदी का एक अलग टैक्स स्लैब बनाया जा सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाले 55वें GST काउंसिल की बैठक में तकरीबन 148 वस्तुओं के दर में फेरबदल पर चर्चा होने की संभावना है. इसके अलावा एयरलाइन्स इंडस्ट्री के ऑपरेशन कॉस्ट के लिए अहम डिवीजन एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को भी GST स्लैब में शामिल किया जा सकता है.
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को मिल सकती है राहत
जीएसटी काउंसिल बैठक में जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के लिए जीएसटी दर को मौजूदा 18 फीसदी (जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट भी होता है) से घटाकर 5 फीसदी (बगैर इनपुट क्रेडिट टैक्स) करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल भी होंगे फोकस में
हालांकि, फिटमेंट कमेटी (जिसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं) ने यूज्ड इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ-साथ छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर मौजूदा 12 फीसदी से 18 फीसदी तक की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
हेल्थकेयर और लाइफ इंश्योरेंस
काउंसिल मीट के एजेंडे में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर तय करना भी अहम मुद्दा है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में काउंसिल की ओर से गठित मंत्रियों के समूह ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर अपनी सहमति जताई थी.
इसके साथ ही सीनियर सिटीजन की ओर से लाइफ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को भी टैक्स से अलग करने का प्रस्ताव किया गया था. मौजूदा समय में टैक्स के चार स्लैब हैं. इसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी शामिल है. इसके अलावा लग्जरी गुड्स के लिए 35 फीसदी के टैक्स स्लैब फिलहाल प्रस्तावित है.