GST Council Meeting: ये चार चीजें हुई सस्ती, आपके खाने से लेकर बैंक तक पर पड़ेगा असर
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म, लोन को लेकर लगने वाली पेनाल्टी चार्ज, फोर्टिफाइड चावल और जीन थेरेपी पर फैसला लिया गया है. वहीं हेल्थ इंश्योरेंस पर फैसले को टाल दिया गया है. चलिए जानते हैं क्या सस्ता हुआ?
GST Council की बैठक शनिवार, 21 दिसंबर को खत्म हो गई है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित 55वीं GST काउंसिल बैठक थी जिसमें कई तरह के फैसले लिए गए हैं. कुछ चीजों की कीमतों में बदलाव आएगा लेकिन कुछ चीजों पर बैठक में फैसला टाल दिया गया है. यहां आपको बताएंगे इस फैसले के बाद क्या सस्ता हुआ है, आपको क्या फायदा होगा…चलिए यहां जानते हैं.
ऑनलाइन पेमेंट
पेमेंट एग्रीगेटर्स (जैसे ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म) अगर 2000 से कम के ट्रांजेक्शन करते हैं, तो उन्हें GST से छूट दी गई है, यानी कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह छोटे व्यापारियों और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया गया है.
पेनाल्टी चार्ज
बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी जो कर्जदारों से जो पेनाल्टी चार्ज पर GST वसूलते थे वो अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. इससे आम जनता और कर्जदारों को राहत मिलेगी. यह पेनाल्टी लोन के लेट पेमेंट करने पर वसूला जाता है.
फोर्टिफाइड चावल पर छूट
इसके अलावा फोर्टिफाइड राइस (पोषणयुक्त चावल) पर GST की दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. यह निर्णय चावल को पोषणयुक्त बनाने की पहल को प्रोत्साहित करेगा और इसे सस्ते में उपलब्ध कराएगा.
जीन थेरेपी पर टैक्स नहीं
अब जीन थेरेपी पर GST नहीं लगेगा. जीन थेरेपी क्या है? यगह एक ऐसी चिकित्सा तकनीक है जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद ऐसे जीन को ठीक करने या बदलने के लिए नए जेनेटिक मटेरियल डाले जाते हैं. जीन थेरेपी का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है, जैसे जन्मजात बीमारियां, कैंसर, एड्स, आदि.
बीमा को लेकर क्या फैसला लिया गया?
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने सिफारिशें दी थी लेकिन उन पर कोई फैसला नहीं हो सका है. स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा को GST के दायरे से बाहर लाने या दरों को कम करने के लिए के फैसले को फिलहाल टाल दिया गया है.