GST Council Meeting: 2000 रुपए से कम के लेन-देन पर GST का मसला टला, काउंसिल ने लिया ये फैसला

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि परिषद ने 2,000 रुपए से कम के लेनदेन से होने वाली आय पर पेमेंट एग्रीगेटर्स पर 18% जीएसटी लगाने की सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. इस मुद्दे को आगे के विश्लेषण के लिए फिटमेंट समिति को भेजने का फैसला किया गया है.

9 सितंबर 2024 को आयोजित हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक Image Credit: PTI

वस्तु एवं सेवा कर परिषद GST Council की 9 सितंबर 2024 यानी सोमवार को आयोजित हुई 54वीं बैठक में सबकी निगाहें सुबह से ही बनी हुई थी. सबसे ज्‍यादा चर्चा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वालें 2,000 रुपए से कम के ट्रांजैक्‍शन पर लगने वाले जीएसटी को लेकर परेशान थे. क्‍योंकि सरकार के इस कदम से पेमेंट करना महंगा हो सकता था, फिलहाल परिषद ने इस फैसले को अभी टाल दिया है. उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि परिषद ने अभी इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया है. साथ ही इस मुद्दे को फिटमेंट कमेटी को भेज दिया गया है.

उत्तराखंड के वित्त मंत्री का कहना है कि 2,000 रुपए से कम के लेनदेन से होने वाली आय पर पेमेंट एग्रीगेटर्स पर 18% जीएसटी लगाने की सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इस मुद्दे को आगे के विश्लेषण के लिए फिटमेंट समिति को भेजने का फैसला किया गया है. समिति अब संभावित प्रभावों का अध्ययन करेगी और परिषद को दोबारा एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके भेजेगी.

सदस्‍यों ने जताई आपत्ति

क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या QR कोड से होने वाले 2000 रुपए तक के ट्रांजैक्शन यानी लेनदेन पर जो एग्रीगेटर फीस लगाते हैं उस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने की बात कही गई थी. इसे लेकर सोमवार को फैसला होना था, हालांकि बैठक में कई सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई. उनका मानना है कि इससे पेमेंट एग्रीगेटर्स पर बोझ पड़ेगा, जिसकी वजह से वे ज्‍यादा फीस वसूलेंगे. इससे लोगों को पेमेंट करना महंगा पड़ेगा. सदस्‍यों की आपत्तियों को ध्‍यान में रखते हुए इस मामले को दोबारा फिटमेंट कमेटी को विचार के लिए भेजा गया है. हालांकि अभी तक फिटमेंट कमेटी का कहना था कि पेमेंट एग्रीगेटर्स से इस कमाई पर जीएसटी लिया जाना चाहिए और इस फैसले का ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

कौन होते हैं पेमेंट एग्रीगेटर?

पेमेंट एग्रीगेटर्स व्यापारियों व ग्राहकों के लिए बैंक या वित्तीय सेवा मुहैया कराते हैं. वे इस ट्रांजैक्‍शन के लिए अलग से खाता खोले बिना भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान की सुविधा देते हैं. ये ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं. ये पेमेंट एग्रीगेटर भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के नियम-कानून के तहत सीधे तौर पर काम करते हैं. ये एग्रीगेटर पेमेंट के लिए व्यापारियों को अपने प्‍लेटफॉर्म का इंटरफेस मुहैया कराते हैं, जिसके जरिए वह ग्राहकों से पेमेंट प्राप्‍त करते हैं.