GST Council Meet: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर नहीं मिलेगी राहत, काउंसिल ने टाला फैसला; जानें और क्या बदला
GST काउंसिल कोे लेकर चर्चा तेज थी कि लाइफ, हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों को राहत मिल सकती है. हालांकि ऐसे होता हुआ नहीं दिख रहा है. काउंसिल ने फिलहाल इस फैसले को टाल दिया है. जानें पूरी जानकारी.
GST Council Meet: GST काउंसिल की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में शुरू हो गई है. बैठक को लेकर चर्चा तेज थी कि लाइफ, हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों को राहत मिल सकती है. हालांकि ऐसे होता हुआ नहीं दिख रहा है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि काउंसिल फिलहाल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स की दर में कोई कटौती नहीं करेगी. काउंसिल ने इस फैसले को टाल दिया है.
क्या कहा वित्त मंत्री ने?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 55वीं बैठक में फैसला लिया गया है कि फिलहाल कुछ और तकनीकी पहलुओं को सुलझाए जाने की जरूरत है और आगे के विचार-विमर्श के लिए अधिकारियों के ग्रुप (GoM) को काम सौंपा गया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ग्रुप इंडिविजुअल और सीनियर सिटीजन की पॉलिसियों पर लगने वाले टैक्सेशन के बारे में निर्णय लेने के लिए इंश्योरेंस पर GoM की एक और बैठक की जरूरत है. चौधरी ने कहा, “इसको लेकर कुछ मेंबर्स ने कहा कि अभी और चर्चा की जरूरत है. हम (GoM) जनवरी में फिर मिलेंगे.”
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर क्या था प्रस्ताव?
सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में काउंसिल की ओर गठित मंत्रियों के ग्रुप ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए इंश्योरेंस प्रीमियम को GST से छूट देने पर सहमति जताई थी. साथ ही सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को भी टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव भी रखा था.
सीनियर सिटीजन के अलावा दूसरे लोगों के 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को GST से छूट देने का प्रस्ताव भी रखा गया था. हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के हेल्थ इंश्योरेंस कवर वाली पॉलिसियों के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम पर 18 फीसदी GST लागू रहेगा.
रेट रेशनलाइजेशन भी टला
सम्राट चैधरी ने बताया कि जीएसटी दरों को रेशनलाइज करने को लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपने से फिलहाल टाल दिया. इस रिपोर्ट में 148 आइटम्स की कीमतों को कम-ज्यादा करने को लेकर सुझाव दिया गया था.
सोर्सेज के हवाले से GST काउंसिल की ओर से लिए गए महत्वपूर्ण फैसले
- ACC ब्लॉक: अगर ऑटोकोलेड एरिएटेड कंक्रीट (ACC) ब्लॉक में 50 फीसदी से ज्यादा फ्लाई ऐश सामग्री है, तो यह HS 6815 श्रेणी में आएंगे और इन पर 18 फीसदी की जगह पर 12 फीसदी GST लगेगा.
- फोर्टिफाइड चावल: फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) पर GST दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा. चाहे इसका इस्तेमाल किसी भी रूप में किया जाए.
- पॉपकॉर्न: अगर पॉपकॉर्न में नमक और मसाले मिलाए गए हैं, तो इसे नमकीन के रूप में माना जाएगा. प्री-पैकेज्ड और लेबल किए बिना बेचे जाने पर इस पर 5 फीसदी GST लगेगा. वहीं अगर यह प्री-पैकेज्ड और लेबल किया हुआ है तब 12 फीसदी GST लगेगा. लेकिन अगर पॉपकॉर्न में चीनी मिलाई जाती है (जैसे कैरेमल पॉपकॉर्न), तो इसका स्वरूप बदलकर शुगर कन्फेक्शनरी जैसा हो जाता है और इस पर 18 फीसदी GST लगेगा.
- GST काउंसिल ने पुराने और इस्तेमाल किए गए कारों, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) भी शामिल हैं, की बिक्री पर GST दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने की मंजूरी दे दी है.