GST Filing: सरकार ने दी बड़ी राहत, जीएसटी फाइलिंग में देरी पर लेट फीस माफ, 31 मार्च तक मौका

सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए GSTR-9C दाखिल करने में देरी पर लगने वाली लेट फीस माफ कर दी है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने वित्त वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक के लिए यह छूट दी है. कारोबारियों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए 31 मार्च 2025 तक GSTR-9C फाइल करना होगा.

जीएसटी फाइलिंग Image Credit: Constantine Johnny/Moment/Getty Images

GST Filing: सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने वित्त वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक के लिए समायोजन विवरण (Reconciliation Statement) और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगने वाले लेट फीस (Late Fee) को माफ करने की घोषणा की है. CBIC ने इसकी जानकारी एक अधिसूचना के माध्यम से दी.

इस अधिसूचना में CBIC ने कहा कि इस छूट का लाभ उठाने के लिए टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को 31 मार्च 2025 तक समय दिया गया है यानी, अगर टैक्सपेयर्स को इसका लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें 31 मार्च 2025 से पहले रिकॉन्सिलीऐशन स्टेटमेंट फॉर्म जीएसटीआर-9c दाखिल करना होगा.

इन लोगों को नहीं मिलेगा रिफंड

ऐसे में सरकार के इस फैसले से टैक्सपेयर्स के अनुपालन (Compliance) का बोझ कम करने और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. हालांकि, जिन कारोबारियों ने इन वित्त वर्षों के लिए पहले ही GSTR-9C में देरी के कारण लेट फीस चुका दिया है, उन्हें रिफंड नहीं मिलेगा.

क्या है GSTR-9C?

GSTR-9C एक हिसाब-किताब मिलाने का दस्तावेज (Reconciliation Statement) है, जो आपकी सालाना GSTR-9 रिटर्न और आपकी ऑडिट की हुई वित्तीय रिपोर्ट के बीच का अंतर दिखाता है. इसके तहत अगर किसी कारोबारी का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो उसे यह फॉर्म भरना जरूरी होता है. इसमें यह दिखाया जाता है कि जो GST रिटर्न भरा गया है और जो ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज हुआ है, उनमें कोई फर्क तो नहीं है. अगर कोई अंतर होता है, तो उसकी वजह बतानी पड़ती है.

कौन उठा सकता है लाभ?

यह छूट केवल उन कारोबारियों के लिए है, जिन्होंने अब तक GSTR-9C दाखिल नहीं किया है. वहीं जिन कारोबारियों ने पहले ही लेट फीस चुका दी है, उन्हें रिफंड का प्रावधान नहीं मिलेगा.

GSTR-9C में इन सेक्शन्स को भरनी होती हैं

GSTR-9C में कौन-कौन सी सेक्शन्स भरनी होती हैं, इसे समझाने के लिए, GSTR-9C को इन पार्ट्स में बांटा गया है.

Reconciliation Statement
यहां पर आपको कंपनी के ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स से आंकड़े निकालकर GSTIN लेवल पर टर्नओवर, टैक्स पेमेंट और ITC (Input Tax Credit) की जानकारी देनी होती है.

Basic details
इसमें आपको वित्तीय वर्ष, GSTIN, कंपनी का नाम और व्यापार का नाम भरना होता है. साथ ही, यह बताना होता है कि क्या आपको किसी अन्य कानून के तहत ऑडिट का पालन करना है या नहीं.

ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में बताये गए टर्नओवर और वार्षिक रिटर्न में बताये गए टर्नओवर का मिलान
इसमें आपको अपनी वार्षिक रिटर्न में जो कुल टर्नओवर और टैक्सेबल टर्नओवर दिखाए गए हैं, उन्हें अपने ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स के आंकड़ों से मिलाना होता है.