बेंगलुरु में 3,200 करोड़ रुपये की GST धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 2 आरोपी गिरफ्तार; जानें पूरा मामला

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय बेंगलुरु ने बड़े स्तर पर जीएसटी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है. इस मामले में 30 से अधिक जगहों पर तलाशी ली गई है और 2 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. जबकि एक आरोपी फरार चल रहा है. अब मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है.

जीएसटी धोखाधड़ी का पर्दाफाश. Image Credit: tv9

GST Fraud: जीएसटी खुफिया महानिदेशालय बेंगलुरु ने 3,200 करोड़ रुपये की बड़ी जीएसटी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है. उसने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जीएसटी खुफिया महानिदेशालय बेंगलुरु जोन की एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुचेता श्रीजेश ने एक बयान में कहा कि तीसरा संदिग्ध अभी भी फरार है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु जोनल इकाई ने बेंगलुरु और मुंबई में 30 से अधिक जगहों पर तलाशी ली, जिसमें एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ.

पीटीआई के मुताबिक, आरोपियों ने बिना किसी वैध बिजनेस ऑपरेशन के फर्जी कंपनियां बनाईं. फिर टर्नओवर बढ़ाने के लिए सर्कुलर ट्रेडिंग में लगे इन कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया. इसके बाद कुल 665 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने और उसे पास करने में मदद की.

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15 संदिग्ध कंपनियों का चला पता

सुचेता श्रीजेश ने कहा कि घोटाले में शामिल फर्जी चालानों का कुल प्राइस 3,200 करोड़ रुपये से अधिक है. उन्होंने कहा कि जांच में 15 संदिग्ध कंपनियों का पता चला है, जिनका कोई वास्तविक बिजनेस नहीं था. इन फर्मों ने सैकड़ों करोड़ रुपये के FMCG सामान प्राप्त करने की सूचना दी, लेकिन केवल IT सहायता, प्रबंधन परामर्श और विज्ञापन जैसी सेवाओं के लिए चालान जारी किए.

कोई आउटवर्ड ई-वे बिल नहीं था

सुचेता श्रीजेश ने कहा कि बड़ी संख्या में इनवर्ड ई-वे बिल के बावजूद, किसी भी कंपनी के पास कोई आउटवर्ड ई-वे बिल नहीं था. अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 9 कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध भी हैं. उन्होंने कहा कि जांच से पता चलता है कि ऐसी संदिग्ध कंपनियों के प्रमोटरों ने टर्नओवर बढ़ाने, शेयर की कीमत बढ़ाने, बाद में शेयर बेचने और कंपनी से बाहर निकलने के लिए नकली चालान के सर्कुलर ट्रेडिंग का सहारा लिया. इससे आम जनता को ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश किए गए पैसे से ठगा गया.

मामले की गहनता से जांच

जांच में यह भी पता चला कि इनमें से अधिकांश कंपनियों के लिए GST रिटर्न सामान्य IP पतों से दाखिल किए गए थे, जिससे पता चलता है कि वे सभी एक ही आरोपी द्वारा संचालित थे. कंपनियों के परिसरों में आगे की तलाशी में कई स्थानों पर संग्रहीत चालान और वित्तीय रिकॉर्ड जैसे मूल दस्तावेज मिले, जो संकेत देते हैं कि एक ही व्यक्ति कई कंपनियों के मामलों का प्रबंधन कर रहा था. श्रीजेश ने कहा कि धोखाधड़ी की व्यापकता और आम जनता पर इसके प्रभाव को देखते हुए, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय, बेंगलुरु क्षेत्रीय इकाई ने मामले में गहन जांच शुरू कर दी है.

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