अब 7 दिनों में मिल जाएगा GST रजिस्ट्रेशन, देने होंगे केवल ये दस्तावेज; जानें नए नियम
सरकार ने GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं. अब जीएसटी रजिस्ट्रेशन सात दिनों में पूरा किया जाएगा, जबकि जोखिम वाले एप्लिकेशन के लिए 30 दिनों का समय लग सकता है. कितने दस्तावेज अपलोड करने होंगे... यहां जानें

GST Registration: बिजनेस करने वालों के लिए चीजें आसान हो इसके लिए सरकार कोई न कोई बदलाव करती रहती है. इसी कड़ी में सरकार ने एक और कदम उठाया है. इस नए फैसले से GST रजिस्ट्रेशन तेजी से और आसानी से मिल जाएगा. अब बिजनेस के लिए GST रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द किया जाएगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडाइरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एप्लिकेशन रिस्की नहीं है, तो उसे सात वर्किंग दिनों (डेज) में प्रोसेस कर लिया जाएगा. वहीं जो एप्लिकेशन रिस्की माने जाएंगे, उनके लिए फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होगा और ऐसे मामलों में रजिस्ट्रेशन 30 दिनों के अंदर पूरा किया जाएगा. चलिए जानते हैं किस तरह के दस्तावेज लगेंगे.
दरअसल CBIC को कई शिकायतें मिली थी कि रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में देरी हो रही है और जरूरत से ज्यादा दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. ऐसे भी आरोप लगे कि ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो जरूरी भी नहीं हैं. इसी को सुधारने के लिए CBIC ने एक लिस्ट जारी की है कि कौन-कौन से दस्तावेज ऑनलाइन मांगे जा सकते हैं, और साफ कर दिया है कि ओरिजिनल दस्तावेज की फिजिकल कॉपी मांगना जरूरी नहीं है.
जमा करने होंगे ये दस्तावेज
बिजनेस करने की मुख्य जगह को प्रूव करने के लिए एप्लिकेशन जमा करने वालों को ये दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- लेटेस्ट प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद
- म्युनिसिपल खाता कॉपी
- बिजली का बिल या किसी सरकारी यूटिलिटी का बिल
- अगर जगह किराए की है, तो रेंट एग्रीमेंट के साथ इनमें से एक ओनरशिप दस्तावेज भी देना होगा
- अगर कोई फर्म में पार्टनर है, तो उसे पार्टनरशिप डीड की कॉपी देनी होगी
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अब कौन से दस्तावेज की जरूरत नहीं
- CBIC ने बताया कि उद्यम सर्टिफिकेट, MSME सर्टिफिकेट, ट्रेड लाइसेंस या दुकान पंजीकरण जैसे दस्तावेज की मांग नहीं की जानी चाहिए.
- कुछ सामान्य सवाल जिनसे एप्लिकेंट्स को दिक्कत होती है, जैसे अगर एप्लिकेंट के घर का पता रजिस्ट्रेशन पते से मेल नहीं खा रहा हो या यह मान लेना कि उस लोकेशन से बिजनेस नहीं चल सकता तो ऐसे सवालों से बचने को कहा गया है.
- फील्ड अफसरों से यह भी कहा गया है कि वे दस्तावेजों की जांच सार्वजनिक पोर्टलों से करें जैसे लैंड रजिस्ट्री, बिजली विभाग की वेबसाइट या लोकल सरकारी पोर्टल.
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