HAL को मिला ‘महारत्न’ का ताज! जानिए, क्यों खास है यह दर्जा
भारत की एक प्रमुख कंपनी को हाल ही में एक बड़ा दर्जा दिया गया है. इससे कंपनी के ऑपरेशन में बढ़ेगी आजादी और ताकत, जानें इससे क्या फायदे मिलने वाले हैं.
भारत सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ‘महारत्न’ का दर्जा देने की घोषणा की है. सार्वजनिक उद्यम विभाग (DPE) ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी. यह फैसला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मंजूरी के बाद लिया गया है.
अब भारत में कुल 14 महारत्न पब्लिक सेक्टर की कंपनियां हैं. इस लिस्ट में इंडियन ऑयल, भेल, एनटीपीसी, बीपीसीएल, कोल इंडिया, गेल, एचपीसीएल, सेल, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, पीएफसी, ऑयल इंडिया, आरईसी और अब हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) शामिल हैं.
HAL का शानदार प्रदर्शन
वर्ष 2023-24 के दौरान HAL ने 7,595 करोड़ रुपये का जबरदस्त मुनाफा और 28,162 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर दर्ज किया है. कंपनी के शेयरों ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 57% से अधिक का रिटर्न दिया है जो इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है.
महारत्न का मतलब क्या है?
‘महारत्न’ का दर्जा उन पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को दिया जाता है, जिन्होंने वित्तीय दृष्टि से बेहतरीन प्रदर्शन किया हो.इस लिस्ट में शामिल होने के बाद कंपनियों को अधिक स्वतंत्रता और स्वायत्तता मिलती है जिससे वे बिना सरकारी मंजूरी के निर्णय ले सकती हैं. उदाहरण के लिए, महारत्न कंपनी अपनी कुल संपत्ति का 15% तक निवेश कर सकती है बिना सरकार से अनुमति लिए.
महारत्न बनने के लिए आवश्यक शर्तें
महारत्न का दर्जा पाने के लिए कंपनियों को कुछ खास शर्तें पूरी करनी होती हैं. इसमें कंपनी का औसत टर्नओवर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए. साथ ही, एनुअल नेट वर्थ 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए. इसके अलावा, कंपनी को पहले से ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त होना चाहिए और भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होना जरूरी है. कंपनी का एनुअल नेट वर्थ भी 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए.