हल्दीराम का बिगड़ गया खेल, निवेशकों ने लिया यू टर्न, जानें कहां फंस गया पेंच
देश की दिग्गज फूड कंपनी हल्दीराम की हिस्सेदारी खरीदने में तमाम निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई थी. इसमें सिंगापुर की टेमासेक और अमेरिका की ब्लैकस्टोन भी शामिल थी. मगर अब ये कंपनियां यू टर्न लेती नजर आ रही हैं. उन्होंने री-वैल्यूएशन की मांग की है. तो क्यों हो रही है डील में देरी, कहां फंसा पेंच जानें डिटेल.
Haldiram stake sale deal: भारतीय देसी नमकीन एंड स्वीट्स ब्रांड हल्दीराम को खरीदने को लेकर तमाम देसी-विदेशी कंपनियों की नजर है. इसी कड़ी में सिंगापुर सरकार के स्वामित्व वाली निवेश कंपनी टेमासेक और अमेरिकी निजी-इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन भी शामिल है. टेमासेक हल्दीराम में 10 फीसदी हिस्सेदारी 10-11 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर खरीदने की बात कर रही थी. मगर इसी बीच निवेशकों ने अचानक यू टर्न ले लिया है. बाजार की गिरावट और हाई वैल्यूएशन को देखते हुए निवेशक अब अपने हाथ पीछे खींचते नजर आ रहे हैं, जिससे हल्दीराम का खेल बिगड़ गया है.
अमेरिकी फर्म ब्लैकस्टोन ने हाई वैल्यूएशन का हवाला देते हुए इस सौदे से पीछे हटने का फैसला लिया है. वहीं, सिंगापुर स्थित टेमासेक ग्रुप भी पिछले छह महीनों में भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट को देखते हुए इस डील पर चुप्पी साधी हुई है. बता दें पिछले छह महीनों में बीएसई सेंसेक्स में 15 प्रतिशत और निफ्टी 50 में 15.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ उपभोक्ता खर्च में भी स्लोडाउन देखने को मिला. जिसकी वजह से हल्दीराम में निवेश करने वालों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि हल्दीराम, ब्लैकस्टोन और टेमासेक ने इस मामले पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है.
री-वैल्यूएशन की रखी मांग
भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट के कारण हल्दीराम की हिस्सेदारी बिक्री योजना में देरी हो रही है. इसमें हिस्सेदारी खरीदने का दावा करने वाली कंपनियां अब कंपनी के री-वैल्यूएशन की मांग कर रही हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि हल्दीराम की प्रॉफिटेबिलिटी भी बढ़ते कच्चे माल की कीमतों के कारण दबाव में है. ये फैक्टर भी मूल्यांकन पर असर डाल रहा है.
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बाजार की गिरावट ने कैसे किया प्रभावित?
बाजार और रुपये की गिरावट ने लगभग सभी क्षेत्रों के मूल्यांकन को प्रभावित किया है. दिसंबर 2024 की तिमाही में ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स, रियल एस्टेट और रिटेल क्षेत्रों में साल-दर-साल आधार पर मार्जिन में कॉन्ट्रैक्शन देखने को मिला. हालांकि, कैलेंडर वर्ष 2025 के पहले दो महीनों में रिन्यूएबल क्षेत्र में मर्जर और अधिग्रहण सौदों की कीमत में 17.75 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिससे कुल मर्जर और अधिग्रहण सौदों का मूल्य बढ़कर 14.73 बिलियन डॉलर हो गया है.