जीवन को ऑफिस शिफ्ट मत बनाइए, वरना बर्नआउट; हर्ष गोयनका ने 90 घंटे काम पर साधा निशाना

आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम के सुझाव की आलोचना की है. गोयनका ने कहा रविवार का नाम बदलकर "सन-ड्यूटी" होना चाहिए. साथ ही उन्होंने वर्क लाइफ बैलेंस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जीवन को लगातार ऑफिस शिफ्ट में बदल देने से सफलता नहीं बल्कि बर्नआउट होता है.

आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका Image Credit: tv9 भारतवर्ष

L&T के चेयरमैन S N सुब्रह्मण्यम की संडे और हफ्ते में 90 घंटे काम की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहे हैं. फिल्म जगत से लेकर बिजनस जगत के लोग उनकी आलोचना करते दिख रहे हैं. इसी बीच RPG Group के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने भी उनकी आलोचना की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर तंज कसते हुए कहा कि काम और निजी जीवन का संतुलन जरूरी है. उन्होंने यह भी सुझाव दी कि लगातार ऑफिस मोड में जीने से सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट मिलता है.

संडे का नाम ‘सन-ड्यूटी’?

गोयनका ने अपने पोस्ट में मजाकिया अंदाज में कहा कि संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने स्मार्ट वर्क की वकालत की और वर्क-लाइफ बैलेंस के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में हैशटैग #WorkSmartNotSlave लिखा यानी समझदारी से काम करो, गुलाम न बनो लिखा.

क्या है पूरा मामला?

9 जनवरी को एक बैठक में S N सुब्रमण्यन ने सुझाव दिया कि 90 घंटे का कामकाजी सप्ताह बनना चाहिए. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वह अपने कर्मचारियों से रविवार को काम नहीं करवा पा रहे. उनका दावा है कि इससे उन्हें “ज्यादा खुशी” होगी.

हर्ष गोयनका का करारा जवाब
गोयनका ने सोशल मीडिया पर मजाकिया अंदाज़ में लिखा, “90 घंटे काम? क्यों न रविवार का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ रख दिया जाए और ‘छुट्टी’ को एक काल्पनिक कहानी मान लिया जाए, मैं कड़ी मेहनत में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को लगातार ऑफिस शिफ्ट बना देना सिर्फ बर्नआउट का नुस्खा है. काम और जिंदगी का संतुलन जरूरी है.”

दीपिका पादुकोण की प्रतिक्रिया
सुब्रमण्यन की इस टिप्पणी पर बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण सहित कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी. दीपिका ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, “ऐसे सीनियर पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के बयान देते देखना हैरान करता है.”

नारायण मूर्ति से शुरू हुआ विवाद
इस बहस की शुरुआत इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के बयान से हुई, जहां उन्होंने 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी. सुब्रमण्यन ने नारायण मूर्ति की बात को आगे बढ़ाते हुए 90 घंटे का सुझाव दिया.

क्या कहा सुब्रमण्यन ने?
सुब्रमण्यन ने एक वायरल वीडियो में कहा,”आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं? इसलिए ऑफिस आओ और काम करो”. उनकी इस टिप्पणी को न केवल अनुचित बताया जा रहा है, बल्कि इससे कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली पर भी सवाल खड़े हुए हैं. आलोचकों का कहना है कि इतने लंबे कामकाजी घंटे वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तो मुमकिन हो सकते हैं, लेकिन आम कर्मचारियों के लिए ये असंभव हैं.