चीन की टॉप TV कंपनी की भारतीय बाजार पर नजर, इस देसी कंपनी में खरीद सकती है 26 फीसदी हिस्सेदारी

Hisense के साथ साझेदारी से Epack को अगले पांच वर्षों में लगभग 1 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त कमाई की उम्मीद है. वर्तमान में, Hisense भारत में ईकॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से टेलीविज़न बेचता है. इन टीवी का उत्पादन अनुबंध निर्माताओं डिक्सन टेक्नोलॉजीज और भगवती प्रोडक्ट्स द्वारा किया जाता है, जिसका स्वामित्व माइक्रोमैक्स के पास है.

Hisense मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कुल 800-1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. Image Credit: Freepik

चीन की सबसे बड़ी टीवी बनाने वाली कंपनियों में से एक Hisense ग्रुप भारतीय बाजार में अपना कारोबार फैलाने की तैयारी में है. इसके लिए वह ईपैक ड्यूरेबल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ईपैक मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज में 26 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल करने की योजना पर काम कर रही है. अभी ईपैक आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में एक बहुत बड़ी मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री बना रही है. इस मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री में Hisense ब्रांड के एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और छोटे घरेलू उपकरण बनाए जाएंगे. खास बात यह है कि ईपैक मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज की देखरेख में ही इस मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है.

ईपैक ड्यूरेबल के प्रबंध निदेशक अजय डीडी सिंघानिया ने कहा कि Hisense ईपैक मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज में 26 फीसदी तक की इक्विटी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. उनके पास भारत के लिए बड़ी योजनाएं हैं और वे निर्यात भी करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमने श्री सिटी में 80-100 एकड़ जमीन के लिए आवेदन किया है और कुल निवेश योजनाओं को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है. हालांकि, इस दौरान सिंघानिया ने ईपैक के इवैल्यूएशन या प्रस्तावित निवेश का खुलासा नहीं किया.

FDI की मंजूरी लेने की योजना

द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, अगर Hisense ग्रुप की डिल पक्की हो जाती है तो, वह कार मैन्युफैक्चरर MG Motor, स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर Vivo और उपकरण मैन्युफैक्चरर Haier जैसी चीनी कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जिन्होंने भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी की है या करने की कोशिश कर रही है. उद्योग के एक कार्यकारी ने कहा कि Hisense जल्द ही प्रस्तावित सौदे के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी लेने की योजना बना रही है.

हालांकि, Hisense के लिए हिस्सेदारी खरीदना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज के लिए अपने तकनीक, डिजाइन और मोल्ड का इस्तेमाल कर उत्पादन क्षमताएं बढ़ाना चाहती है. दोनों भागीदारों ने अक्टूबर में अनुबंध निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर किए. ऐसे में उम्मीद है कि Hisense जल्द ही हिस्सेदारी पा लेगी. उद्योग अनुमानों के अनुसार, Hisense मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कुल 800 से 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

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Epack इन कंपनियों के लिए करती है काम

Epack भारत का दूसरा सबसे बड़ा AC निर्माता है, जो Daikin, Voltas, Panasonic, Haier और Blue Star जैसे ब्रांडों को आपूर्ति करती है. इसने साल 24 में 1,419 करोड़ रुपये की बिक्री की. Epack वर्तमान में Hisense के लिए AC उत्पादन शुरू करने के लिए 250 करोड़ के निवेश के साथ अपने मौजूदा संयंत्रों में से एक को परिवर्तित कर रहा है, जिसके जून-जुलाई तक चालू होने की उम्मीद है.

1,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना

चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर हायर ने पिछले साल एक नई फैक्ट्री के लिए 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए भारत सरकार से आवेदन किया था, लेकिन प्रस्ताव अभी भी मंजूरी का इंतजार कर रहा है. हायर इंडिया अब अपने विनिर्माण निवेश के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के प्रयास में कंपनी में 49 फीसदी तक हिस्सेदारी एक भारतीय भागीदार को बेचने की योजना बना रही है.

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