बिड़ला जहां जाता है, वहां भौकाल जमाता है! पेंट, केबल, सीमेंट हर इंडस्ट्री में हड़कंप
बिड़ला ग्रुप के हर नए कदम से कंपनियों के शेयर गिर रहे हैं और इंडस्ट्री में हड़कंप मच रहा है. चाहे पेंट हो, केबल हो या सीमेंट, हर जगह बिड़ला के एंट्री से हलचल तेज हो जाती है. आर्टिकल में पढ़ें बिड़ला कैसे खेलता है अपना मास्टरस्ट्रोक.
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कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे बिजनेस में हैं जहां आप सालों से राज कर रहे हैं. अचानक एक बड़ा खिलाड़ी आता है, भारी निवेश करता है और मार्केट में तहलका मचा देता है. ग्राहक आपकी बजाय उसकी ओर देखने लगते हैं, निवेशक घबरा जाते हैं और आपके शेयर धड़ाम से गिर जाते हैं. यही कहानी है उन सेक्टर्स की, जहां भी आदित्य बिड़ला ग्रुप ने एंट्री ली है.चाहे वह पेंट इंडस्ट्री हो, वायर एंड केबल सेक्टर हो या फिर सीमेंट बाजार, बिड़ला ग्रुप जहां भी पहुंचा है, वहां स्थापित कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है.
केबल इंडस्ट्री में UltraTech की एंट्री से 20 फीसदी तक शेयर गिरे
अभी ताजा उदाहरण केबल और वायर इंडस्ट्री का है, जहां UltraTech Cement ने 1,800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एंट्री करने का ऐलान किया है. इससे बाजार में ऐसी हलचल मची कि Polycab, KEI Industries, Havells और RR Kabel जैसी कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गएं.
- Polycab के शेयर 16% गिरे
- KEI Industries के शेयर 20% तक लुढ़क गए
- Havells में 9% की गिरावट आई
- RR Kabel के शेयर 13% तक टूटे
बिड़ला का यह दांव इतना बड़ा क्यों है?
UltraTech Cement पहले से ही भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है, लेकिन अब यह केबल और वायर सेक्टर में भी कदम रख रहा है. यह वही रणनीति है जो बिड़ला ग्रुप ने पहले पेंट और सीमेंट इंडस्ट्री में अपनाई थी. इस एंट्री से मौजूदा कंपनियों को डर सता रहा है कि भारी निवेश और प्रतिस्पर्धी कीमतों के चलते उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा और बाजार में उनकी पकड़ कमजोर हो सकती है.
पेंट इंडस्ट्री में Birla Opus एंट्री से एशियन पेंट्स और बर्जर की नींद उड़ी
केबल इंडस्ट्री से पहले बिड़ला ग्रुप ने पेंट सेक्टर में एंट्री लेकर हलचल मचाई थी. 2021 में Grasim Industries ने घोषणा की थी कि वह Birla Opus नाम से एक नया ब्रांड लॉन्च करेगा. 2024 में जब इसने अपना ऑपरेशन शुरू किया तो पेंट कंपनियों को भारी झटका लगा.
- Asian Paints के शेयर 5 फीसदी तक गिरे, जिससे कंपनी का 14,400 करोड़ रुपये बाजार कैपिटलाइजेशन साफ हो गया
- Berger Paints के शेयरों में 3.1% की गिरावट आई
- Kansai Nerolac और अन्य पेंट कंपनियों में 2-3% तक गिरावट आई
सीमेंट सेक्टर में UltraTech की एंट्री से छोटे खिलाड़ियों की मुश्किलें बढ़ीं
UltraTech Cement पहले ही सीमेंट इंडस्ट्री में सबसे बड़ा खिलाड़ी है. लेकिन बिड़ला ग्रुप की विस्तार नीति ने छोटे और मझोले सीमेंट उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जब भी UltraTech Cement कोई बड़ा अधिग्रहण करता है या बाजार में विस्तार की घोषणा करता है, तो छोटे खिलाड़ियों के शेयर गिर जाते हैं और वे कीमतों के मामले में कंपटीशन करने में असफल रहते हैं. अल्ट्राटेक सिमेंट ने कई कंपनियों का अधिग्रहण कर खुद को इस इंडस्ट्री में एकछत्र राजा बना लिया है. छोटे और क्षेत्रीय सीमेंट उत्पादकों को इससे काफी नुकसान हो रहा है क्योंकि वे कीमतों और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के मामले में UltraTech से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं.
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बिड़ला ग्रुप की “सुनियोजित तबाही” रणनीति
अगर ध्यान दें, तो आदित्य बिड़ला ग्रुप की विस्तार नीति एक तयशुदा पैटर्न को फॉलो करती है:
- पहले बड़े निवेश की घोषणा करना – बिड़ला पहले से स्थापित इंडस्ट्री में भारी निवेश करने की घोषणा करता है, जिससे मौजूदा खिलाड़ियों के शेयर गिरने लगते हैं.
- प्राइस स्ट्रैटजी – नई कंपनी की कीमतें इतनी आक्रामक होती हैं कि अन्य कंपनियों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ती है.
- मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का फायदा उठाना – बिड़ला के पास पहले से ही एक मजबूत सप्लाई चेन है जिससे वह तेजी से बाजार में अपनी पकड़ बना लेता है.
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर फोकस – Birla Opus के उदाहरण से साफ है कि यह कंपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में बड़े स्तर पर निवेश करती है.
बिड़ला ग्रुप ने हर सेक्टर में जहां कदम रखा, वहां कंपनियों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी. चाहे पेंट सेक्टर में Birla Opus हो, केबल और वायर इंडस्ट्री में UltraTech की एंट्री हो या सीमेंट इंडस्ट्री में UltraTech Cement की मजबूत पकड़ हो, हर जगह इसका सीधा असर सेक्टर की दूसरी कंपनियों पर पड़ा है.
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