कभी 500 रुपये में होती थी IIT की पढ़ाई, जानें अब कितनी है फीस, क्या अब महंगा होगा इंजीनियर बनना?
IIT Fee Hike: देश में आईआईटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सर्वोच्च संस्थान है. लाखों छात्र हर साल इसमें दाखिले के लिए प्रेवश परीक्षा देते हैं और सिर्फ कुछ हजार को ही एडमिशन मिल पाता है. आईआईटी की फीस भी लाखों में है, लेकिन कभी फीस सिर्फ 500 रुपये होती थी.
IIT Fee Hike: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) हमारे देश में एक कीवर्ड है, और करोड़ों किशोर उम्र वाले लड़कों के साथ-साथ उनके माता-पिता का भी सपना है. आईआईटी, जहां देश के उन कुछ हजार छात्रों को दाखिला मिलता है, जो जी तोड़ मेहनत कर इसकी दो चरण की प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा में सफल होते हैं. इसके बाद इंजीनियर बनने के सफर की शुरुआत होती है. आईआईटी को देश की सरकार चलाती है और छात्रों की पढ़ाई का खर्च भी उठाती है, लेकिन इसमें पढ़ाई पूरी तरह से फ्री नहीं है. छात्रों के माता-पिता को बड़ी रकम फीस के रूप में चुकानी पड़ती है. पिछले 20 साल में आईआईटी में पढ़ने का खर्च कितना बढ़ा है और अब एक साल के लिए कितनी फीस चुकानी होती है…
हर तबके के छात्र पहुंचे आईआईटी
साल 1950 में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में पहला आईआईटी खुला था, जिसका उद्देश्य भारत के इंडस्ट्रीयल ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन तकनीक संस्थान के रूप में स्थापित होना था. धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ी और देश को बेहतरीन इंजीनियर भी मिले. गरीब तबके से लेकर मिडिल क्लास तक के लड़के अपनी मेधा के बूते आईआईटी पहुंचे, इंजीनियर बने और फिर वहां से देश-दुनिया में छा गए. गूगल के मौजूदा सीईओ सुंदर पिचाई भी इसी आईआईटी से इंजीनियर बने. फिर अमेरिका पहुंचे और अब दुनिया उनका नाम जानती है. हालांकि, आईआईटी में पढ़ना सस्ता नहीं है. अब फीस लाखों में लगती है.
यह भी पढ़ें: IRCTC और IRFC बन गईं नवरत्न, अब सरकार की मंजूरी के बिना ही खर्च कर सकेंगी इतना पैसा
कब-कब और कितनी बढ़ी फीस
जब साल 1950 में खड़गपुर में पहला आईआईटी ओपन हुआ था, तब इसमें बीटेक की फीस 500 रुपये सालाना थी. शुरुआत से लेकर अब तक सिर्फ चार बार आईआईटी में बीटेक की फीस में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, 1998 में बीटेक की फीस 25,000 रुपये की गई थी. इसके फिर 10 साल बाद इसमें इजाफा हुआ और इसके 50,000 रुपये सालाना कर दिया गया.
इसके बाद सरकार ने पांचवें साल में एक बार फिर से बीटेक की वार्षिक ट्यूशन फीस में इजाफा किया. साल 2023 में सरकार ने आईआईटी में बीटेक के कोर्स के लिए सालाना फीस 90,000 रुपये कर दिए. आखिरी बार आईआईटी के बीटेक की फीस में बढ़ोतरी साल 2016 में हुई थी. तब सरकार ने सालाना फीस को बढ़ाकर 90,000 से 2,00,000 रुपये कर दिया गया.
फीस में छूट
हालांकि, सरकार फीस पर कुछ छूट भी देती है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय में तत्कालीन अतिरिक्त सचिव द्वारा 2016 में जारी एक आदेश के अनुसार, जिन छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम है, उन्हें ट्यूशन फीस से छूट दी जाएगी, जबकि जिन छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है, उन्हें ट्यूशन फीस में दो-तिहाई तक की छूट मिलेगी. अगर सामान्य रूप से देखें, तो आईआईटी में बीटेक की पढ़ाई की चार साल की फीस 8,00,000 रुपये है.
कैसे मिलता है एडमिशन?
जब पहला आईआईटी 1950 में खुला था, तब इसमें दाखिले के लिए बारहवीं के मार्क्स के आधार पर इंटरव्यू होके थे और फिर एडमिशन मिलता था. साल 1955-59 के बीच आईआईटी खड़गपुर ने परीक्षा लेने की शुरुआत की. तब इंटरव्यू और काउंसलिंग के बाद एडमिशन मिलता था. कॉमन IIT-JEE एग्जाम की शुरुआत साल 1960 में हुई. इसमें इंग्लिश भाषा को मिलाकर कुल चार विषय के पेपर होते थे.
इसके बाद साल 1997 में एक बड़ा बदलाव हुआ और IIT-JEE एग्जाम साल में दो बार होने लगा. हालांकि, तब पेपर लीक की कुछ घटनाएं सामने आई थीं. 2006 में आईआईटी में प्रवेश के लिए एकऑब्जेक्टिव टाइप का प्रिलिमनरी एग्जाम की शरुआत हुई. इस परीक्षा को पास करने वाले छात्र को मेन्स की परीक्षा देनी होती है फिर काउंसलिंग के बाद देशभर की किसी आईआईटी में एडमिशन मिलता है.
तब से लेकर अब तक महंगाई दर
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1950 में भारत में महंगाई दर अपेक्षाकृत कम थी, जो होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) में परिवर्तन के आधार पर प्रति वर्ष औसतन लगभग 1.7 फीसदी थी. फरवरी 2025 तक भारत की मुद्रास्फीति दर 4.31 फीसदी थी, जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर बेस्ड है.
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1950 से 2025 तक भारत में औसत महंगाई दर लगभग 6.6 फीसदी रही है, जिसमें पूरी अवधि में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. साल 1970 के दशक के मध्य महंगाई दर चरम पर पहुंच गई. 1974 में महंगाई दर लगभग 34.6 फीसदी पर पहुंच गई थी.