कौन हैं जयपुर के राहुल और मोहित यादव, जो एक झटके में कमाएंगे 1000 करोड़, वो काम जिससे बदल गई तकदीर
Minimalist and Founders Story: बोट के को-फाउंडर अमन गुप्ता ने मिनिमलिस्ट की फाउडरों की जमकर तारीफ की है. उन्होंने इस डील को भारतीय D2C इकोसिस्टम की बड़ी जीत बताई है. जयपुर में जन्मे और पले-बढ़े दो भाइयों ने कंपनी की शुरुआत की थी.
Minimalist and Founders Story: देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनियों में से एक हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने डी2सी इकोसिस्टम में एक बड़ी डील की है. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने जयपुर बेस्ड स्किनकेयर ब्रांड मिनिमलिस्ट में 90.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है. यह 2,955 करोड़ रुपये की कैश डील है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह डील जून तिमाही तक पूरी हो जाएगी. इस डील की खबर सामने आने के बाद बोट के को-फाउंडर अमन गुप्ता ने मिनिमलिस्ट की फाउडरों की जमकर तारीफ की है. उन्होंने इस डील को भारतीय D2C इकोसिस्टम की बड़ी जीत बताई है. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि मिनिमलिस्ट के फाउंडरों को कितना पैसा मिलेगा. लेकिन कहानी पैसे तक तो अब पहुंची है. मिनिमलिस्ट आज सुर्खियों में है, लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई थी.
अमन गुप्ता ने की तारीफ
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और मिनिमलिस्ट के बीच हुई डील को लेकर अमन गुप्ता ने कहा कि जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं यह सोचने से खुद को रोक नहीं पाया कि हम कितनी दूर आ गए हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि मिनिमलिस्ट कितनी दूर आ गई… दो स्टार्टअप खड़ा करने वाले मोहित यादव की कभी भी एंटरप्रेन्योर बनने की इच्छा नहीं थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
क्रेडिट सुइस के एवीपी की कहानी
जयपुर में जन्मे और पले-बढ़े मोहित ने 2000 के दशक के आखिर में क्रेडिट सुइस में एवीपी के तौर पर काम करते थे. 2006 में बैंक ने उन्हें लंदन या हांगकांग में कोई भूमिका निभाने के लिए कहा. यह कई युवा भारतीयों के लिए एक सपना था, लेकिन मोहित को अपनी भूमिका पसंद नहीं आई. वो अपने परिवार से दूर नहीं रहना चाहते थे, इसलिए मोहित ने अपने छोटे भाई – आईआईटी रुड़की से केमिकल इंजीनियर राहुल के साथ मिलकर 2008 में ऑनलाइन टी-शर्ट स्टोर स्कोपियल फैशन की शुरुआत की.
बेच दिया पहला स्टार्टअप
AVJC के अनुसार, स्कोपियल फैशन को बाद में मैंगोस्ट्रीट के रूप में रीब्रांड किया गया. यह एक ऑनलाइन किड्स फैशन ब्रांड है जो अपने डिजाइनों को क्राउडसोर्स करता है. 2012 में बेबी केयर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हशबेबीज ने इसे खरीद लिया था. अपने पहले स्टार्टअप को सफलतापूर्वक बेचने के बाद, दोनों भाइयों ने जयपुर में अपनी जड़ें जमाने वाले एक अन्य स्टार्टअप कारदेखो से जुड़कर अपने एंटरप्रेन्योरशिप की आग जलाए रखी. कारदेखो में दो साल बिताने के बाद, किस्मत ने फिर से पलटी मारी.
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ब्यूटी एंड पर्सनल केयर की शुरुआत
मोहित को इंडोनेशिया जाने के लिए कहा गया. उन्हें ओटिस डॉट कॉम के सीईओ के रूप में इंडोनेशिया भेजा जा रहा था. इस बार मोहित ने जाने का फैसला किया, लेकिन लंबे समय तक वो वहां नहीं रहे. जकार्ता में दो साल बिताने के बाद वे अपने भाई के साथ एक और वेंचर शुरू करने के लिए जयपुर लौट आए. इस बार उन्होंने एक ब्यूटी एंड पर्सनल केयर (BPC) कंपनी की शुरुआत की. यह एक अलग तरीके की ब्यूटी एंड पर्सनल केयर कंपनी थी, जो हर एक ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज हेयर प्रोडक्ट प्रोवाइड कराती थी. उनके स्टार्टअप, फ्रीविल ने लगभग 100 करोड़ रुपये जुटाए.
फिर लॉन्च हुआ मिनिमलिस्ट
हालांकि, दो साल के ऑपरेशन के बाद, फ्रीविल को स्केलिंग में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मोहित और राहुल अपने अगले वेंचर पर आगे बढ़ने के लिए तैयार थे. उनके पास स्टार्टअप में 12 साल का अनुभव, मजबूत निवेशक संबंध और बीपीसी स्पेस के इनसाइट्स थे. अक्टूबर 2020 में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक साधारण पोस्ट के जरिए मिनिमलिस्ट नाम से एक स्किनकेयर ब्रांड लॉन्च किया, जिसके बमुश्किल 200-300 फॉलोअर्स थे. कोई धूमधाम, विज्ञापन या यहां तक कि प्रभावशाली मार्केटिंग भी नहीं थी.
8 महीने में 100 करोड़ का रेवेन्यू
मोहित और राहुल ने इस स्टार्टअप में सावधानी बरती और शुरुआत में प्रोडक्ट की केवल 1,000 बॉटल तैयार की.दो दिनों के भीतर उनके 10,000 फॉलोअर्स हो गए. उनका स्टॉक बिक गया. फिर सिर्फ 8 महीनों के भीतर, वे 100 करोड़ रुपये के आश्चर्यजनक रेवेन्यू तक पहुंच गए.
भारतीय स्किनकेयर बाजार पर उस समय बड़ी लीगेसी कंपनियों का दबदबा था. लीगेसी ब्रांड एक ढर्रे पर काम कर रहे थे. वे जेनेरिक प्रोडक्ट बनाते थे, जो गोरेपन से लेकर मुंहासे हटाने तक कई तरह के स्किनकेयर बेनिफिट्स का दावा करते थे. इसके बाद मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिल्मी सितारों के चेहरों का इस्तेमाल करते थे.
मिनिमलिस्ट की शुरुआत दो प्रमुख सिद्धांतों पर की गई थी.
- पहला- पूरी तरह से ट्रांसपरेसी. प्रोडक्ट लेबल सिर्फ इंग्रेडिएंट्स और उनके उपयोग पर केंद्रित थे.
- दूसरा – हर प्रोडक्ट एक ‘हीरो’ SKU होना चाहिए. इसका मतलब था क्लियर और स्पेसिफिक उपयोग के मामलों के साथ एक फोकस्ड पोर्टफोलियो.
ग्रोथ और विवाद
उनकी यह सोच सही साबित हुई और प्रोडक्ट्स की डिमांड तुरंत बढ़ गई. ऑनलाइन स्किनकेयर इंफ्लूएंसर ने तुरंत उनके नए ऑफर को अपनाया. बिना पेमेंट के ऑर्गेनिक कंटेंट तैयार किया और न्यूनतम मार्केटिंग खर्च के साथ ब्रांड की ओर ट्रैफिक बढ़ाया. हालांकि, मिनिमलिस्ट विवादों से अछूता नहीं रहा.
मिनिमलिस्ट के प्रोडक्ट और द ऑर्डिनरी के प्रोडक्ट में काफी समानता थी. इंग्रेडिएंट्स केंद्रित लेबलिंग, डिजाइन सौंदर्य और यहां तक कि बोतलों का आकार भी समानता थी. मिनिमलिस्ट ने शुरुआत में मुख्य रूप से फेशियल सीरम पर ध्यान केंद्रित किया. 2021 की शुरुआत तक 17 सीरम और बालों के झड़ने से निपटने के लिए 1 प्रोडक्ट लॉन्च किया.
विवाद ने बढ़ाई पॉपुलैरिटी
AVJC के अनुसार, इस बीट द ऑर्डिनरी भारतीय ऑनलाइन स्किनकेयर बाजार में एक जाना-माना ब्रांड था. ट्रांसपेरेंसी के लिए इसे सम्मानित किया गया था, लेकिन आम तौर पर इसे बजट फ्रेंडली नहीं माना जाता था. कुछ लोगों ने समानताओं के लिए मिनिमलिस्ट की आलोचना की, कुछ ने भारतीय उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर ट्रांसपेरेंसी साइंस-बेस्ड प्रोडक्ट के रूप में तारीफ की. दोनों पक्षों ने मिनिमलिस्ट की ओर और भी अधिक ट्रैफिक बढ़ाया.
जैसे-जैसे अधिक लोगों ने मिनिमलिस्ट के प्रोडक्ट को आजमाया, कहानी ब्रांड के पक्ष में झुकती चली गई. इस तरह मिनिमलिस्ट के प्रोडक्ट की भारतीय बाजार में टेस्टिंग हो गई और दोनों भाइयों ने मार्केट को समझ लिया. इसके बाद वो कंपनी के विस्तार के लिए तैयार हो गए. मिनिमलिस्ट को भीड़-भाड़ वाले और प्रतिस्पर्धी D2C ब्यूटी मार्केट में अलग दिखना था. मिनिमलिस्ट अपने लीन, इन-हाउस R&D मॉडल और कड़े क्यूरेटेड प्रोडक्ट रेंज की बदौलत एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में उभरा.
मिनिमलिस्ट और हिंदुस्तान यूनिलीवर
हाल की रिपोर्टों से पता चला है कि मिनिमलिस्ट प्रेमजी इन्वेस्ट सहित वित्तीय निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा था और 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये के बीच वैल्युएशन की मांग कर रहा था. मिनिमलिस्ट के अधिग्रहण के साथ, HUL का लक्ष्य उभरते सौंदर्य बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना, डी2सी ब्रांडों की बढ़ती मांग का लाभ उठाना और हाई ग्रोथ कैटेगरी में अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करना है.