टाटा की इस कंपनी के बिजनेस पार्टनर बनें, हर महीने हो सकती है 50 हजार से ज्यादा इनकम

अगर आप कोई ऐसा बिजनेस आइडिया चाहते हैं, जिसमें ज्यादा निवेश के बिना अपना काम शुरू किया जा सकता है, तो टाटा समूह के साथ जुड़कर काम कर सकते हैं. जानें कौनसी कंपनी हैं और क्या है बिजनेस पार्टनर बनने का प्रॉसेस.

टाटा की इस कंपनी के साथ जुड़कर आप मोटा कमीशन बना सकते हैं. Image Credit: Lane Oatey / Blue Jean Images/Getty Images

Tata को देश का सबसे भरोसेमंद कारोबारी समूह कहा जाता है. इस समूह से जुड़ी कंपनियों की नौकरियों को सरकारी नौकरियों से भी बढ़िया माना जाता है. वहीं, कारोबार के मामले में भी यह समूह बेमिसाल है. अगर आप कोई कम इन्वेस्टमेंट का बिजनेस प्लान तलाश रहे हैं, तो टाटा समूह की कंपनी Tata 1Mg के साथ जुड़ सकते हैं. इस कंपनी के साथ जुड़ने के कई तरीके हैं, जिनसे हर महीने 50 हजार रुपये से ज्यादा की आय हासिल कर सकते हैं.

पार्टनर बनने के ये विकल्प

Tata 1Mg की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के साथ 4 तरीके से पार्टनशिप की जा सकती है. पहला तरीका कंपनी के कॉर्पोरेट वेलनेस प्लान से जुड़ना है. हालांकि, यह विकल्प बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) है. दूसरा विकल्प स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का है.यह भी एक बी2बी विकल्प है. तीसरा तरीका हेल्थ पार्टनर प्रोग्राम है. इसके तहत आम लोग कंपनी से जुड़ सकते हैं. इसके अलावा कलेक्शन सेंटर खोलकर भी कंपनी का बिजनेस पार्टनर बन सकते हैं.

आम लोगों के लिए ये दो विकल्प

आम लोगों के लिए कंपनी से जुड़ने के दो विकल्प हैं. पहला तरीका हेल्थ पार्टनर प्रोग्राम है. इसके अलावा दूसरा तरीका कलेक्शन सेंटर की फ्रेंचाइजी खोलना है. ये दोनों तरीके व्यक्तिगत रूप से एक अच्छा बिजनेस विकल्प हो सकते हैं.

क्या होते हैं हेल्थ पार्टनर

1mg की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक हेल्थ एसोसिएट हेल्थ सर्विस और समाज के बीच की कड़ी हैं. एक हेल्थ एसोसिएट 1एमजी की स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी अपने आसपास के लोगों को देता है. इसके अलावा उन्हें कंपनी के उत्पादों से जोड़े रखता है. मोटे तौर पर हेल्थ ऐसोसिएट कंपनी का विस्तार करते हैं. इसके बदले उन्हें कंपनी से कमीशन मिलता है.

हेल्थ पार्टनर के ये 6 काम

हेल्थ पार्टनर के तौर पर टाटा 1एमजी से जुड़ने पर स्थानीय जागरूकता बढ़ानी होगी. यानी अपने क्षेत्र में टाटा वन एमजी का प्रचार करना होगा, ताकि लोग जान सकें कि टाटा 1एमजी कौन-कौनसी सेवाएं देती है. इसके अलाव दूसरा काम ग्राहकों की मदद करना है. खासतौर पर कंपनी के उत्पादों को लेकर कोई फैसला लेने के लिए ग्राहक को उत्पाद की पूरी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा ऑर्डर प्लेसमेंट में मदद करनी होगी. ग्राहकों के साथ निरंतर जुड़ाव रखना होगा. समाज में कंपनी के उत्पादों और सेवाओं के लिए भरोसा बनाना होगा और कंपनी के साथ अपने प्रभाव का दायरा बढ़ाना होगा.

कैसे बनें कंपनी के हेल्थ पार्टनर

टाटा 1एमजी का हेल्थ पार्टनर बनने के लिए सबसे पहले आपको कंपनी की वेबसाइट पर जाकर एक फॉर्म भरना होगा. यह फॉर्म भरने के बाद आपके पास पुष्टि का एक ईमेल आएगा. इसके बाद कंपनी की तरफ से आपसे संपर्क किया जाएगा. अगर आपको आपके क्षेत्र में पहले से कोई हेल्थ पार्टनर काम नहीं कर रहा है और आपको इसके लिए चुना जाता है, तो 15 हजार रुपये की सब्सक्रिप्शन फीस लेकर आपको कंपनी से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही आपको ट्रेनिंग के साथ सभी जरूरी दस्तावेज और उपकरण मुहैया कराए जाएंगे, जिनकी मदद से आप एक हेल्थ एसोसिएट के तौर पर काम कर पाएंगे.

कितना कमीशन मिलेगा

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक अगर आप महीने में 750 रुपये से 1000 रुपये के बीच के 1000 ऑर्डर जेनरेट कराते हैं, तो आपको कमीशन के तौर पर 41 से 58 हजार रुपये तक का कमीशन मिल सकता है. यानी मोटे तौर पर कंपनी को आपकी तरफ से मिले प्रत्येक 1 हजार रुपये के ऑर्डर पर आपको 58 रुपये का कमीशन मिलता है. मोटे तौर पर आपको 50 हजार रुपये की मासिक इनकम के लिए हर रोज 30 से ज्यादा ऑर्डर जेनरेट कराने होंगे.

कलेक्शन सेंटर भी विकल्प

टाटा 1एमजी के साथ कलेक्शन सेंटर खोलकर भी जुड़ा जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपको 3 से 5 लाख रुपये का निवेश करना होगा. टाटा 1एमजी की फिलहाल देशभर में एनएबीएल मान्यताप्राप्त व प्रमाणित 11 लैब हैं. कलेक्शन सेंटर पर आए सैंपल्स को इन लैब्स में भेजा जाता है.