HUL बोर्ड ने आइसक्रीम डिवीजन को अलग करने का लिया फैसला; कल स्टॉक पर रखें नजर
HUL ने अपने आइसक्रीम बिजनेस को अलग करने का बड़ा फैसला लिया है. ऐसे में कंपनी के शेयर में कल हलचल देखने को मिल सकती है.
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने अपने आइसक्रीम बिजनेस को अलग कर एक नई लिस्टेड कंपनी बनाने का फैसला लिया है.बोर्ड ने इसकी मंजूरी भी दे दी हैं. कंपनी ने इसकी जानकारी सोमवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान दी. कंपनी ने बताया कि आइसक्रीम बिजनेस के डिमर्जर के तहत, HUL के मौजूदा शेयरधारकों को उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में नई कंपनी के शेयर दिए जाएंगे. इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए बोर्ड और शेयरधारकों की अंतिम मंजूरी 2024 की शुरुआत में ली जाएगी.
डिमर्जर का फायदा
HUL ने कहा कि आइसक्रीम बिजनेस के अलग होने से एक नई लिस्टेड आइसक्रीम कंपनी बनेगी जो ज्यादा फोकस के साथ काम कर सकेगी. यह बिजनेस 15-20% CAGR की ग्रोथ पोटेंशियल और 5-9% प्रॉफिट मार्जिन के साथ तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर है. HUL के इस कदम के बाद, कंपनी के शेयर सोमवार को 1% की बढ़ोतरी के साथ 2,471.95 रुपये पर बंद हुए.
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ग्लोबल और भारतीय बाजार में बड़ी मौजूदगी
HUL की पैरेंट कंपनी, यूनिलीवर ने भी कुछ वक्त पहले अपने ग्लोबल आइसक्रीम बिजनेस को अलग किया था. यूनिलीवर के ब्रांड जैसे मैग्नम, वॉल्स और बेन एंड जेरी ने 2023 में 71,100 करोड़ रुपये का टर्नओवर दर्ज किया. भारत में HUL के आइसक्रीम ब्रांड्स जैसे क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो और मैग्नम, कंपनी के कुल राजस्व में 3% का योगदान करते हैं.
भारत में कैसा है आइस्क्रीम बाजार?
Wazir Advisors के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का आइसक्रीम बाजार FY25 तक 41,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. अमूल, नेचुरल्स, हावमोर और वाडीलाल जैसे ब्रांड्स इस बाजार में पहले से मौजूद हैं और एक दूसरे के साथ तगड़े कम्पटीशन में है. HUL के इस निर्णय से आइसक्रीम बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है.