वित्त वर्ष 2024-25 में घट सकती है जीडीपी ग्रोथ, इक्रा ने जताई आशंका
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी पर आ सकती है. जीडीपी की यह ग्रोथ रेट पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के 8.2 फीसदी के मुकाबले कम रहने का अनुमान है.
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया है कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ पिछली 6 तिमाही में सबसे कम रह सकती है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहले तिमाही की ग्रोथ रेट घट कर 6 फीसदी पर आ सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी पर आ सकती है. जीडीपी की यह ग्रोथ रेट पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के 8.2 फीसदी के मुकाबले कम रहने का अनुमान है.
इक्रा ने अपने एक बयान में कहा, ‘अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट घट कर 6 तिमाही के निचले स्तर 6 फीसदी पर आ सकती है. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 7.8 फीसदी थी.’
सरकारी कैपिटल एक्सपेंडीचर में गिरावट आने के बावजूद साल-दर-साल के आधार पर भारत की जीडीपी में पिछले 6 क्वाटर की ग्रोथ रेट कम हो कर 6 फीसदी हो चुका है. यह ग्रोथ रेट पिछले वित्त वर्ष के चौथे क्वाटर में यानी एफवाई 2024 में 7.8 फीदसी था.” अप्रैल-जून तिमाही ग्रोथ का आधिकारिक आंकड़ा 30 अगस्त को मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन (एमओएसपीआई) जारी करेगा. बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही थी.
इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिती नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान कुछ सेक्टर्स में थोड़ी सुस्ती देखी गई. लोकसभा चुनाव और केंद्र तथा राज्य सरकारों की पूंजीगत व्यय में आई कमी इसकी वजह रही.
नायर ने भीषण गर्मी (लू) को भी इसका एक कारण बताया. उन्होंने कहा कि हिटवेव ने विभिन्न सेवा क्षेत्रों के लोगों को भी प्रभावित किया जबकि इससे बिजली की मांग में अच्छी तेजी देखने को मिली. नायर ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारत के ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) का 5.7 फीसदी और जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इक्रा का अनुमान है कि आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी से जीडीपी ग्रोथ और जीवीए क्रमश: 6.8 फीसदी और 6.5 फीसदी रह सकती है.