2025 में कमाना है ज्यादा पैसा, तो गांठ बांध लें वॉरेन बफेट और रतन टाटा की ये सीख

जो लोग नए साल पर निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं या नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो दिग्‍गज निवेशक वॉरेन बफेट और मशहूर कारोबारी दिवंगत रतन टाटा की दी गई सीख आपके काम आ सकती है. तो क्‍या हैं वो टिप्‍स जिनसे आपकी बदल सकती है जिंदगी आइए जानते हैं.

निवेश के टिप्‍स Image Credit: freepik

New Year 2025: वॉरेन बफेट एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. वह अब तक के सबसे सफल निवेशकों में से एक माने जाते हैं. इसी तरह भारत के सबसे सम्मानित कारोबारी दिवंगत रतन टाटा ने भी अपनी मेहनत और लगन से टाटा समूह को एक वैश्विक पहचान दिलाई है. इसी के चलते निवेश और बिजनेस प्‍लानिंग में इनकी दी हुई सीख बड़ी काम की साबित हो सकती है. खासतौर पर जो लोग 2025 में निवेश की योजना बना रहे हैं या अपना नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इन दोनों दिग्‍गजों के बताए गए सबक काफी कारगर साबित हो सकते हैं. तो कौन-से हैं वो अनमोल सीख आइए जानते हैं.

अनजान जोखिम ज्‍यादा खतरनाक

पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिला है कि नए निवेशक बिना सोचे समझे स्टॉक और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने लगते हैं, लेकिन उन्‍हें इसके परिणाम पता नहीं होते हैं. वॉरेन बफेट निवेशकों को सलाह देते थे कि वे हर उस चीज़ का पीछा न करें जो चमकती है. उन्‍हें सिर्फ फायदा या बेहतर रिटर्न देखकर उसमें निवेश नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्‍हें उन अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिन्हें वे समझते हैं.

लॉन्‍ग टर्म का रखें नजरिया

वॉरेन बफेट ऐसे एक निवेशक थे जिन्होंने हमेशा से लॉन्‍ग टर्म का नजरिया रखा है. उदाहरण के लिए, जब 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी आई थी, तब ज़्यादातर व्यवसायों की लॉन्‍ग टर्म ग्रोथ पर सवाल खड़े हो गए थे. मगर उस वक्‍त वॉरेन बफेट ने GE, गोल्डमैन सैक्स, बैंक ऑफ़ अमेरिका, मार्स और डॉव केमिकल जैसी ब्लू-चिप कंपनियों में बड़े निवेश किए. ET मनी के अनुसार 2013 के अनुमान के अनुसार उन्‍होंने करीब 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का मुनाफ़ा कमाया था. ऐसे में नए निवेशकों को हड़बड़ी में फैसला नहीं लेना चाहिए, लंबे समय का नजरिया रखना चाहिए.

मुनाफे से ज्‍यादा नैतिकता पर करें फोकस

टाटा ग्रुप के पूर्व अध्‍यक्ष रतन टाटा ने अक्‍सर इंटरव्‍यू में कहा है कि व्‍यक्ति को फायदे से ज्‍यादा नैतिकता को प्राथमिकता देनी चाहिए. रतन टाटा ने हमेशा ईमानदारी और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया है. उनका मानना ​​है कि फायदा नैतिकता को ताक पर रखकर नहीं उठाया जाना चाहिए. एक निवेशक या सफल व्‍यापारी लोगों के सामने एक मिसाल के तौर पर होता है.

कैलकुलेटेड रिस्‍क से पीछे न हटें

एक निवेशक या व्‍यापारी के लिए आगे बढ़ने के लिए रिस्‍क लेने की क्षमता होनी चाहिए. रतन टाटा ने जगुआर लैंड रोवर और टेटली टी जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के अधिग्रहण का नेतृत्व करके यह साबित किया था, कि खुद पर भरोसा हो तो कैलकुलेटेड रिस्‍क लिया जा सकता है.

अपनी सामाजिक जिम्‍मेदारियों को समझें

सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति रतन टाटा की प्रतिबद्धता उद्यमियों के लिए हमेशा से ही एक प्रेरणा की वजह रहे हैं. वह हमेशा से व्यवसायिक रणनीतियों में सामाजिक प्रभाव को जोड़ने पर ध्‍यान देते थे. इसलिए उन्‍होंने नए उद्यमियों को यह सीख दी है कि काम ऐसा करना चाहिए जिससे समाज का भी फायदा हो.