लोन कारोबार से बाहर निकल सकती है IFCI Ltd, बन सकती है इंफ्रा एडवाइजरी कंपनी
IFCI के ऑपरेशन में सुधार करने की तैयारी हो रही है. NBFC कंपनी IFCI लिमिटेड के पास कैपिटल की कमी है जिसके कारण ये अपने कर्ज देने वाले बिजनेस को बंद कर सकती है. आगे चलकर कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी फर्म में बदल सकती है.
इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (IFCI) एक सरकारी स्वामित्व वाली वित्तीय संस्थान है. पिछले कुछ सालों से IFCI ने टर्म लोन, कॉर्पोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग सहित कई फाइनेंशियल सर्विसेज देने का कार्य किया है. अब इसके ऑपरेशन में सुधार करने की तैयारी हो रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक NBFC कंपनी IFCI Ltd के पास कैपिटल की कमी है जिस कारण ये अपने कर्ज देने वाले बिजनेस को बंद कर सकती है. आगे चलकर कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी फर्म में बदल सकती है.
IFCI के पास नहीं हैं पैसे
एक्सचेंज पर कंपनी ने जानकारी दी है कि IFCI के बोर्ड ने 22 नवंबर, 2024 को हुई बैठक में IFCI ग्रुप के एकीकरण पर विचार करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. IFCI को 2021-22 में नए लोन देने से रोकने के लिए कहा गया था. इसका कारण NPA में हुई भारी बढ़ोतरी थी जिससे लोन देने वाली कैपिटल में भारी कमी आई. इसी वजह से कंपनी के पास अपने पैसों की कमी हो गई थी. रॉयटर्स के अनुसार, वित्त मंत्रालय और IFCI ने इसपर टिप्पणी करने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. ये बदलाव ऐसे समय में किया जा रहा है जब इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से निवेश हो रहा है.
क्या करेगी कंपनी?
नए फैसले के बाद, IFCI फिर से लोन नहीं देगी. इससे इतर राज्य सरकारों के बुनियादी ढांचे और हरित परियोजनाओं के वैल्यूएशन को शामिल करने के लिए अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर सलाहकार सर्विस के दायरे को बढ़ाएगी.
ये भी पढ़ें- PAN 2.0: क्या QR Code वाले पैन कार्ड के लिए करना होगा अप्लाई? जानें क्या है ये नया सिस्टम
क्या करती है IFCI?
IFCI की शुरुआत 1948 में हुई थी. ये एक डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (DFI) है जिसे भारत सरकार की ओर से लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल मदद करने, मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्टर और दूसरे मुख्य क्षेत्रों के विकास को बेहतर करने के लिए बनाया गया है. IFCI शुरू से ही पूरी तरह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी रही है लेकिन अब IFCI एक सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनी है. हालांकि सरकार समय के साथ अपनी हिस्सेदारी IFCI से कम कर रही है. भारत सरकार के पास मौजूदा समय पर IFCI में 72 फीसदी हिस्सेदारी है.
शेयरों का क्या है हाल?
खबर लिखते वक्त तक IFCI के शेयर 1.36 फीसदी की गिरे हैं. वहीं सोमवार, 25 नवंबर के दिन कंपनी के शेयरों ने 11.3 फीसदी का हाई लगा था. साल भर की बात करें तब कंपनी ने अपने निवेशकों को 121 फीसदी का रिटर्न दिया है.