IIFL Finance की गोल्ड लोन बिजनेस में वापसी, रिजर्व बैंक ने हटाए प्रतिबंध, जानें क्यों हुई बैन, अब लोन लेना कितना सेफ!
IIFL Finance पर गोल्ड लोन कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंधों को रिजर्व बैंक ने हटा दिया है. कंपनी ने इस फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को देते हुए बताया कि जल्द ही कंपनी फिर से अपना गोल्ड लोन कारोबार शुरू करने जा रही है.
आईआईएफएल ने गुरुवार 19 सितंबर को बीएसई और एनएसई को दी गई फाइलिंग में बताया कि रिजर्व बैंक ने कंपनी पर लगाए गए गोल्ड लोन कारोबार प्रतिबंध को खत्म कर दिया है. आईआईएफएल ने ने बताया कि रिजर्व बैंक का यह निर्णय तत्काल लागू हो गया है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में बताया कि उसे सभी संगत कानूनों और विनियमों के अनुपालन के साथ गोल्ड लोन कारोबार में वापसी की मंजूरी मिल गई है. इस तरह कंपनी फिर से गोल्ड लोन का डिसबर्सल, असाइनमेंट, सिक्योरिटाइजेशन और बिक्री शुरू कर सकती है. कंपनी ने कहा कि गोल्ड लोन सहित अपने सभी कारोबार में अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाकर रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि मानकों के अनुपालन में लगातार सुधारात्मक कदम उठाए जाएं.
रिजर्व बैंक ने इसी वर्ष 4 मार्च को नियामकीय जांच के दौरान कंपनी के गोल्ड लोन कारोबार को प्रतिबंधित कर दिया था. रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद आईआईएफएल फाइनेंस को क्रिसिल सहित तमाम रेटिंग कंपनियों ने नेगेटिव या डेवलपिंग इंप्लिकेशन के साथ रेटिंग वॉच लिस्ट में डाल दिया था. इसके अलावा इंटरनेशनल क्रेडिट एजेंसी फिच ने भी कंपनी की रेटिंग को नेगेटिव वॉच में शामिल कर दिया था. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के गोल्ड लोन कारोबार में कर्मचारियों की संख्या मार्च में जहां 15,000 थी. जून में यह घटकर 12,000 रह गई है. मार्च में लगाए गए प्रतिबंध के बाद से कंपनी के गोल्ड लोन बिजनेस में एसेट अंडर मैनेजमेंट में भी 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आई, जो अब घटकर 12,162 करोड़ रुपये है.
रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाते समय क्या कहा
रिजर्व बैंक ने मार्च में कंपनी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के तहत आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन मंजूर करने या वितरित करने से रोका जाता है. हालांकि, कंपनी सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रियाओं के जरिये अपने मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की सेवा जारी रख सकती है. रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में कहा कि 31 मार्च, 2023 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया. कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कई अहम नियामकीय चिंताएं देखी गईं. कंपनी ने वैधानिक सीमा से कहीं ज्यादा नकद में कर्ज के तौर पर वितरण किया है. इसके अलावा मानक नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इसके साथ ही ग्राहक खातों पर लगाए जा रहे शुल्कों में पारदर्शिता का अभाव है.
क्या अब लोन लेना सेफ होगा
कंपनी पहले ग्राहकों से मनमाने तरीके से शुल्क वसूल रही थी. इसके अलावा ग्राहकों से लिए गए गोल्ड का नीलामी के नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा था. रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के बाद अब कंपनी इन नियमों के पालन को लेकर सतर्क रहेगी. ऐसे में ग्राहकों को कंपनी से गोल्ड लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हालांकि, किसी भी वित्तीय उत्पाद या सेवा को लेने से पहले पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए.