Income Tax पर एक और धमाका करने की तैयारी में मोदी सरकार, जानें क्या है ‘फ्राइडे प्लान’
Income Tax Bill: पूरी तरह नया है और इसे फिर से लिखा गया है, इसमें टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस बजट का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है. यह बिल अगले हफ्ते सोमवार को संसद में पेश हो सकता है.
Income Tax Bill: बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स रिबेट दे कर मिडिल क्लास को चौंकाने वाली मोदी सरकार अब अपने अगले प्लान की ओर बढ़ चुकी है. ये प्लान इनकम टैक्स बिल लाने का है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा. सीतारमण ने बताया कि इनकम टैक्स बिल का थीम ‘ट्रस्ट फर्स्ट, स्क्रूटनी लेटर’ होगा. इस बिल में आधे कानून खत्म कर दिए जाएंगे. हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बिल अगले हफ्ते सोमवार को पेश हो सकता है, इससे पहले ये 7 फरवरी यानी शुक्रवार को मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के पास जाएगा.
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, यह बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. चूंकि यह एक वित्त विधेयक यानी फाइनेंस बिल है, इसे केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा, न कि राज्यसभा में. हालांकि, राज्यसभा से इसमें संशोधन की सिफारिश आ सकती है. लेकिन अंतिम निर्णय लोकसभा का ही होगा कि वह इन्हें स्वीकार करें या नहीं.
क्यों लाया जा रहा है नया इनकम टैक्स बिल?
यह बिल इसलिए लाया जा रहा है ताकि इससे 1961 के मौजूदा इनकम टैक्स अधिनियम को बदला जाए. इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल और स्पष्ट बनाना है, नए कानून में:
- कानून की भाषा को आसान बनाया जाएगा ताकि टैक्सपेयर और टैक्स एक्सपर्ट दोनों इसे बेहतर तरीके से समझ सकें.
- डिजिटल प्रोसेस को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे टैक्स फाइलिंग पूरी तरह डिजिटल हो सके और कानूनी विवाद कम हों.
- असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर को मिलाने पर विचार किया जा सकता है.
बजट के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को नए टैक्स सिस्टम में लाना है.
- फिलहाल लगभग 75% टैक्सपेयर्स नए टैक्स सिस्टम में हैं, और बजट में 12 लाख तक की इनकम पर टैक्स माफी के बाद 95-97% टैक्सपेयर्स इसमें शामिल हो सकते हैं.
- टैक्स रिटर्न फाइल करना अब और आसान होगा.
- इंडस्ट्री से भी नए बिल पर सुझाव मांगे गए हैं.
- नया बिल केवल 6 महीनों में तैयार किया गया है और इसकी भाषा को सरल बनाया गया है ताकि टैक्स कंप्लायंस में आसानी हो.
- इसे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार तैयार किया गया है, साथ ही पुराने और गैर-जरूरी प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे कानून ज्यादा पॉइंट टू पॉइंट होंगे क्योंकि पुराने प्रावधान हचा दिए जाएंगे जिससे ये ज्यादा भारी भरकम नहीं लगेगा.
- आईटीआर-यू यानी अपडेटेड रिटर्न के तहत पिछले तीन वर्षों में 90 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल हुए, जिससे सरकार को लगभग 8,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू मिला
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