इनकम टैक्‍स विभाग को पैकेजिंग चार्ज पर GST चोरी का शक, जोमैटो पर लिस्टेड कई रेस्‍टोरेंट को भेजा नोटिस

खाने पर वसूले जाने वाले पैकेजिंग चार्ज पर लगने वाले जीएसटी को लेकर आयकर विभाग की नजर टेढ़ी हो गई है. विभाग को शक है कि इस पर GST चोरी की जा रही है. इसी सिलसिले में आयकर विभाग ने कई फूड डिलीवरी ऐप्‍स पर लिस्‍टेड रेस्‍टोरेंट को समन जारी किया है.

पैकेजिंग चार्ज पर GST चोरी का शक Image Credit: money9

GST evasion on packaging charge: जोमैटो, स्विगी समेत तमाम ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप और रेस्टोरेंट इन-दिनों इनकम टैक्‍स विभाग की नजर में हैं. दरअसल ये ऐप्‍स और रेस्‍टोरेंट कस्‍टमर से पैकेजिंग चार्ज पर भी टैक्‍स वसूलते हैं, लेकिन हकीकत में ये टैक्‍स चुकाया नहीं जा रहा है. आयकर विभाग को रेस्‍टोरेंट व फूड डिलीवरी ऐप्‍स की ओर से लिए जाने वाले पैकेजिंग चार्ज पर GST चोरी का शक है. इसी सिलसिले में विभाग ने जोमैटो पर लिस्‍टेड तमाम रेस्‍टोरेंट और ऑनलाइन फूड ऐप्‍स को समन भेजा गया है. उनसे 1 जनवरी 2022 से अब तक पैकेजिंग चार्ज पर दिए गए GST का ब्योरा मांगा गया है.

बता दें 1 जुलाई 2027 से लागू GST प्रावधान के तहत सेवा देने वाला व्यक्ति या कंपनी इसे ग्राहकों से वसूलती है. ऐसे में जब आप ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, तो आप खाने, डिलीवरी और पैकेजिंग के लिए पैसे देते हैं. मगर ग्राहकों से वसूला जाने वाला ये पैकेजिंग चार्ज सरकारी खजाने तक नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में आयकर विभाग इसकी जांच कर रही है.

क्‍या खाने का बिल और होगा महंगा?

टैक्स विभाग मानता है कि पैकेजिंग खाने का हिस्सा है, इसलिए इसका GST भी ऐप्स को देना चाहिए. वहीं, ऐप्स का कहना है कि पैकेजिंग अलग सर्विस है और रेस्‍टोरेंट को इसका टैक्स देना चाहिए. पिछले कुछ महीनों में कई रेस्तरां को समन भेजे गए हैं. टैक्स विभाग यह जानना चाहता है कि क्या पैकेजिंग चार्ज पर GST ठीक से जमा हुआ है या नहीं और अगर हुआ है तो ये किस दर से किया गया है. आयकर विभाग की इस जांच से रेटोरेंट और फूड ऐप्स दोनों पर दबाव बढ़ गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या रेस्टोरेंट और फूड डिलीवरी ऐप्‍स पैकेजिंग चार्ज पर चुकाए जाने वाले GST का बोझ भी क्‍या कस्‍टमर पर डालेंगे, इससे आपके खाने का बिल और महंगा होगा सकता है.

यह भी पढ़ें: PNB घोटाले का मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, तहव्वुर राणा की तरह क्‍या आएगा भारत?

कैसे होता है GST का हिसाब-किताब?

उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी कस्‍टमर ने 1,000 रुपये का खाना ऑर्डर किया. इसमें 100 रुपये डिलीवरी चार्ज और 100 रुपये पैकेजिंग चार्ज जोड़ा गया. कुल 1,200 रुपये पर 5% GST यानी 60 रुपये लगे. अब सवाल यह है कि पैकेजिंग के 100 रुपये पर GST कौन देगा? फूड ऐप या रेस्टोरेंट? फूड ऐप्स खाने का GST (50 रुपये) और अपनी फीस काटकर बाकी रकम रेस्टोरेंट को दे देती हैं, लेकिन पैकेजिंग का GST कहां गया, इसी पर आयकर विभाग की नजर है.