भारत बनेगा दुनिया का कंजम्पशन कैपिटल, अगले 10 साल में लोग खर्च करेंगे दोगुना पैसा; रिपोर्ट में दावा

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. भारत की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण कंजम्पशन है. वर्तमान में भारत में खपत (Consumption) देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 56 फीसदी है. हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत दुनिया का कंजम्पशन कैपिटल बन सकता है. साथ ही, अगले 10 वर्षों में लोग दोगुना खर्च करने वाले हैं.

भारत कंजम्पशन कैपिटल Image Credit: money9live.com

India Consumption Capital: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, और अगर यह ट्रेंड बरकरार रहा तो आने वाले दिनों में भारत दुनिया का कंजम्पशन कैपिटल बन सकता है. इससे भारत में व्यापार और निवेश के कई अवसर खुलेंगे. इससे देश के विकास को गति तो मिलेगी ही, साथ ही इनोवेशन के कई रास्ते भी खुलेंगे. हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए कंजम्पशन (खपत) कैपिटल बनने की ओर बढ़ रहा है. आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या खास है.

भारत बन सकता है कंजम्पशन कैपिटल

हाल ही में एंजेल वन और आईकोनिक एसेट की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले 10 वर्षों में, यानी 2034 तक, भारत की खपत (Consumption) दोगुनी होने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है, तो इसका सीधा अर्थ यह होगा कि भारत में लोग पहले से ज्यादा चीजें खरीदेंगे, जिससे बाजार और देश की अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ मिलेगा.

वर्तमान में भारत में खपत (Consumption) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 56 फीसदी है, जो इसे दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला कंजम्पशन बाजार बनाता है.

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खपत बढ़ने के पीछे क्या कारण हैं

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में छोटे परिवारों की संख्या बढ़ रही है, जिससे लोगों की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ रही है. इसके अलावा, जनसंख्या में बढ़ोतरी हो रही है, खासकर युवा आबादी तेजी से बढ़ रही है, जो अधिक खर्च कर रही है.

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बजट में जिस तरह से 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री किया गया है, उससे लोगों के हाथ में अधिक पैसा आएगा और वे अधिक खर्च करेंगे.

इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 1997 से 2023 के बीच भारत में कुल बचत 12 ट्रिलियन डॉलर थी. यह बचत 2047 तक 10 गुना बढ़कर 103 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है. इस बढ़ी हुई बचत से लोग अधिक खर्च करेंगे, जिससे बाजार और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.