भारत-क्यूबा व्यापार सम्मेलन: फार्मा और ऊर्जा सेक्टर में बड़े निवेश की तैयारी
भारत और क्यूबा के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई देने के लिए व्यापार सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस बैठक में फार्मा, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई. जानें इस सम्मेलन की प्रमुख बातें.

भारत और क्यूबा के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण भारत-क्यूबा व्यापार सम्मेलन का आयोजन किया गया. इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (IETO) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग विशेषज्ञ और व्यावसायिक प्रतिनिधि शामिल हुए. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना था.
भारत और क्यूबा के ऐतिहासिक संबंध और व्यापारिक संभावनाएं
क्यूबा के उप प्रधानमंत्री डॉ. एडुआर्डो मार्टिनेज डियाज़ ने भारत और क्यूबा के मजबूत ऐतिहासिक संबंधों और आर्थिक सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “भारत और क्यूबा हमेशा एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं. इस सम्मेलन के जरिए हम स्वास्थ्य, अक्षय ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में गहरे संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” IETO के ग्लोबल प्रेसिडेंट डॉ. आसिफ इकबाल ने भारत-क्यूबा व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता दोहराई.
इसी के साथ भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. संजय मिश्रा ने भारत और क्यूबा के बायोटेक और वैक्सीन अनुसंधान में सहयोग की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “क्यूबा फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी देश है. भारत अपनी मजबूत अनुसंधान संरचना के साथ वैक्सीन उत्पादन, रोग निवारण और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग बढ़ाने को तैयार है.”“क्यूबा फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी देश है. भारत अपनी मजबूत अनुसंधान संरचना के साथ वैक्सीन उत्पादन, रोग निवारण और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग बढ़ाने को तैयार है.”
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स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को मिलेगी मजबूती
सम्मेलन में इस बात पर चर्चा हुई कि भारत और क्यूबा कैसे एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं. भारतीय कंपनियां क्यूबा की उन्नत बायोटेक और वैक्सीन रिसर्च में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं. साथ ही, अक्षय ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में भी नए व्यापारिक अवसर तलाशे जा रहे हैं.
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