भारत में बिकेगा विदेशी दूध! AMUL, Parag और Mother Dairy के लिए खतरे की घंटी
भारत और न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत फिर से शुरू हो चुकी है. अगर विदेशी डेयरी कंपनियों को भारत में एंट्री मिलती है, तो भारतीय किसानों और घरेलू कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि उपभोक्ताओं को सस्ते डेयरी उत्पाद मिल सकते हैं.
भारत में डेयरी सेक्टर को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है. भारत और न्यूजीलैंड के बीच 10 साल बाद फिर से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत शुरू हुई है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत में विदेशी दूध और डेयरी उत्पादों का रास्ता खुल सकता है. इसके अलावा, अमेरिका भी भारत पर डेयरी सेक्टर को खोलने का दबाव बना रहा है. सवाल यह है कि अगर भारत ने अपनी डेयरी इंडस्ट्री के लिए आयात शुल्क कम किया, तो इसका भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?
भारत और न्यूजीलैंड के बीच FTA: क्या बदलेगी तस्वीर?
10 साल पहले जब भारत और न्यूजीलैंड के बीच FTA को लेकर बातचीत हुई थी, तब भारत ने डेयरी सेक्टर को विदेशी कंपनियों के लिए खोलने से मना कर दिया था. न्यूजीलैंड चाहता था कि भारत उसकी डेयरी कंपनियों को अपने उत्पाद यहां बेचने की अनुमति दे. लेकिन अब भारत इस विषय पर नई सोच के साथ बातचीत कर रहा है, जिससे संकेत मिलते हैं कि सरकार इस सेक्टर में लचीलापन दिखाने के लिए तैयार हो सकती है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जहां 8 करोड़ से ज्यादा किसान डेयरी व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. भारत का वैश्विक दूध उत्पादन में 23 फीसदी योगदान है. अगर भारत विदेशी डेयरी कंपनियों के लिए अपने बाजार को खोलता है, तो भारतीय किसानों और घरेलू डेयरी कंपनियों के लिए कड़ा कॉम्पटीशन खड़ा हो सकता है.
कम होंगे डेयरी उत्पादों के दाम?
मार्केट एक्सपर्ट Natverlal and Sons के CEO समीर दलाल का मानना है कि अगर विदेशी कंपनियां भारत में डेयरी प्रोडक्ट्स लाती हैं, तो इससे भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा होगा, क्योंकि कीमतें कम हो सकती हैं. उनका कहना है कि उच्च आयात शुल्क की वजह से भारतीय कंपनियां अपने उत्पाद महंगे बेचती हैं, लेकिन अगर विदेशी कंपनियां भारत में आ गईं तो कड़ी प्रतिस्पर्धा से भारतीय डेयरी उत्पादों के दाम गिर सकते हैं. इससे महंगाई में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को अधिक किफायती दरों पर डेयरी उत्पाद मिलेंगे.
हालांकि, यह कदम भारतीय डेयरी कंपनियों के मुनाफे पर दबाव डाल सकता है. इससे प्रभात डेयरी और अन्य लिस्टेड डेयरी कंपनियों को नुकसान हो सकता है. लेकिन समीर दलाल का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह फैसला सकारात्मक हो सकता है क्योंकि बढ़ती प्रतिस्पर्धा से उत्पादों की कीमतें गिरेंगी जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.