वैश्विक व्हिस्की बाजार पर भारत का खुमार, नई सॉफ्ट पावर बन रहे सिंगल माल्ट हार्ड ड्रिंक
देश की डिस्टिलरी में बनने वाली हाई क्वालिटी सिंगल माल्ट व्हिस्की को दुनियाभर में पहचान और तारीफ मिल रही है. यही वजह है कि Made In India Single Malt Whiskey की वैश्विक पहुंच तेजी से बढ़ रही है. जानते हैं भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की का खुमार किस तरह वैश्विक बाजार में नई सॉफ्ट पावर बन रहा है.
कला, संस्कृति और खानपान हमेशा से वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर का हिस्सा रहे हैं. अब Made In India Single Malt Whiskey भी भारत की सॉफ्ट पावर बन रही है. भारत में बने सिंगल माल्ट व्हिस्की ब्रांड पारंपरिक स्कॉच ब्रांड्स को चुनौती दे रहे हैं. वैश्विक व्हिस्की बाजार पर भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की का जबरदस्त खुमार चढ़ रहा है. यही वजह है कि बिक्री के मामले में भारत में बने ये हार्ड ड्रिंक कई वैश्विक दिग्गजों से आगे निकल रहे हैं.
डियाजियो और पेरनोड रिकार्ड जैसी बड़ी कंपनियां वैश्विक बाजार में भारतीय ब्रांड की सिंगल माल्ट व्हिस्की लॉन्च कर रही हैं. यह वैश्विक व्हिस्की बाजार में बड़े में बदलाव का संकेत है. ग्लेनलिवेट, मैकलान, लैगावुलिन और टैलिस्कर जैसे वैश्विक प्रतिष्ठा वाले शीर्ष सिंगल माल्ट ब्रांड्स को अपने एलीट क्लब में भारतीय सिंगल माल्ट ब्रांड्स का स्वागत करना पड़ रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल भारत में 24 डिस्टिलरीज सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाती हैं. इसके अलावा 6 निर्माणाधीन हैं, जिनमें से एक पेरनोड रिकार्ड की भी है.
क्या हैं सिंगल माल्ट का मतलब
सिंगल माल्ट व्हिस्की का सीधा मतलब होता है, एक ही डिस्टिलरी में एक ही अनाज के इस्तेमाल से एक ही समय पर तैयार की गई ड्रिंक. मिसाल के तौर पर ग्लेनलिवेट सिंगल माल्ट स्कॉच में एक ही डिस्टिलरी में एक ही अनाज से बनी कम से कम 18 वर्षों तक माल्टेड व्हिस्की होती है. सिंगल माल्ट की सबसे बड़ी विशेषता होती है, इसके टेस्ट और फ्रेगरेंस नोट्स की कंसिसटेंसी.
भारत में व्हिस्की की खपत
व्हिस्की की खपत के लिहाज से भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. भारत का व्हिस्की उपभोग 2.6 लीटर प्रति व्यक्ति के करीब है. पिछले 10 वर्ष में भारत में व्हिस्की की खपत में 200 फीसदी का उछाल आया है. ऐसा नहीं है कि भारत में प्रीमियम व्हिस्की की खपत नहीं है. भारत स्कॉच की खपत में भी दुनिया में सबसे आगे है. 2023 में भारतीयों ने करीब 20 करोड़ स्कॉच व्हिस्की की बोतलें गटकी थीं.
वैश्विक बाजार में भारतीय ब्रांड्स की धमक
भारत की डिस्टिलरी न सिर्फ भारतीयों की प्यास बुझा रही हैं. बल्कि, निर्यात के लिए भी हाई क्वालिटी सिंगल माल्ट बना रही हैं. अमृत त्रिपर्व को व्हिस्की ऑफ द वर्ल्ड इन 2024 में बेस्ट इन क्लास रोस्टर में नॉमिनेट किया गया है. इससे पहले पिछले साल इंद्री दिवाली कलेक्टर एडिशन ने 2023 के शीर्ष पुरस्कार को जीता था. इस साल इंद्री फाउंडर्स रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय व्हिस्की प्रतियोगिता में दुनिया की शीर्ष 15 व्हिस्की में से एक नॉमिनेट किया गया. यह एक 11 साल पुरानी वाइन कास्क व्हिस्की है.
मैकलान से ज्यादा बिक रही इंद्री
न्यूयॉर्क के ईस्ट विलेज में सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना के भारतीय रेस्तरां बंगलो के पार्टनर समीर भट्ट एक साक्षात्कार में बताते हैं उनके यहां मैकलान से ज्यादा इंद्री की बिक्री हो रही है. इसी तरह उत्तर प्रदेश की रामपुर डिस्टिलरी की मूल कंपनी रेडिको खेतान लिमिटेड के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अध्यक्ष संजीव बंगा ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं लोगों को बताता हूं कि वाइन उद्योग में जो हुआ, वही अब सिंगल माल्ट में भी हो रहा है. जिस तरह हमारी वाइन ने यूरोप के पुराने दिग्गजों का ध्यान अपनी तरफ खींचा, उसी तरह अब भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की पीने वालों को स्कॉच से दूर कर रही है.
भारत में सिंगल माल्ट का उभार
आज भारत के तमाम राज्यों में सिंगल-माल्ट डिस्टिलरी फैल चुकी हैं. खुबानी की खुशबू वाली ज्ञानचंद को जम्मू में पैक किया जाता है. रामपुर को रेडिको खेतान की उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित डिस्टिलरी में बनाया जाता है. पिकाडिली डिस्टिलरी ने इंद्री-त्रिनी को हरियाणा के उस गांव का नाम दिया है, जहां इसे राजस्थान के स्वदेशी जौ से तैयार कर पैक किया जाता है. इसी तरह डियाजियो की गोडावन को राजस्थान के अलवर में बनाया जाता है. गोडावन को राजस्थान का स्टेट बर्ड कहा जाता है. अमृत डिस्टिलरी की सिंगल माल्ट व्हिस्की बेंगलुरु में बनती है. इसी तरह गोवा की पॉल जॉन डिस्टिलरी ने 2012 में अपना पहला सिंगल माल्ट रिलीज किया.
बिक्री में आमने-सामने
बिक्री के मामले में भारतीय और स्कॉच ब्रांड आमने-सामने हैं. 2022-23 में भारतीय ब्रांड्स ने 2,81,000 कार्टन सिंगल माल्ट व्हिस्की बेची. वहीं, स्कॉच के 2,96,000 केस बेचे गए. 2023 में पहली बार भारतीय ब्रांड की सिंगल माल्ट व्हिस्की ग्लोबल ब्रांड्स से आगे निकल गई. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) के मुताबिक भारतीय सिंगल माल्ट ने 2023 में कुल बिक्री का लगभग 53% हिस्सा हासिल किया. पिछले साल भारत में सिंगल माल्ट के लगभग 6,75,000 केस (प्रत्येक नौ लीटर) की कुल बिक्री में से, लगभग 3,45,000 केस भारतीय मूल के निर्माताओं ने बेचे.
मेड इन इंडिया का खुमार
मेड इन इंडिया सिंगल माल्ट के क्रेज से प्रभावित होकर डियाजियो और पेरनोड रिकार्ड जैसी ग्लोबल कंपनियों ने भारतीय ब्रांड्स को ग्लोबली लॉन्च किया है. पिछले साल, पेरनोड ने अपना पहला मेड इन इंडिया सिंगल माल्ट, लॉन्गिट्यूड 77 लॉन्च किया. इसे दुबई और अमेरिका सहित कई बड़े बाजारों में ले जाया गया है. इसी तरह डियाजियो ने 2021 में अपना पहला भारतीय सिंगल माल्ट, गोडावन लॉन्च किया जो अमेरिका सहित दुनिया के 5 बड़े बाजारों में उपलब्ध है.
इंडियन व्हिस्की की अपनी पहचान
भारतीय ब्रांड इंद्री की सफलता से उत्साहित पिकाडिली एग्रोके के संस्थापक पॉल रिकार्ड के पोते एलेक्जेंडर रिकार्ड ने एक साक्षात्कार में कहा, हम चाहते हैं कि भारतीय व्हिस्की की अपनी एक अलग श्रेणी हो. इसे वैश्विक स्तर पर अलग से पहचान और मान्यता मिलनी शुरू हो गई है. जब आप पेरिस में व्हिस्की की दुकानों पर जाते हैं, तो इंडियन ब्रांड्स के लिए डेडिकेटेड सेक्शन देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी नागपुर में अपनी सबसे बड़ी एशियाई डिस्टिलरी बनाने के लिए लगभग 1,800 करोड़ रुपये का निवेश की तैयारी कर रही है.