2025 में लॉन्च होगी पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप, WITT के मंच पर बोले अश्विनी वैष्णव
WITT 2025: फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेसन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान कि किताब का हवाला इस मुद्दे पर देते हैं, उन्हें पहले यह किताब पढ़ लेनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग का इकोसिस्टम बन रहा है.

WITT 2025: टीवी9 नेटवर्क के ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे‘ समिट के आज दूसरा दिन केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी बात रखी. फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेसन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान कि किताब का हवाला इस मुद्दे पर देते हैं, उन्हें पहले यह किताब पढ़ लेनी चाहिए. क्योंकि उन्हें जान लेना चाहिए कि संविधान ने फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेसन पर क्या पाबंदी लगाई है. उन्होंने भारत के सेमीकंडक्टर प्लान पर बात की, साथ की युवा कंटेंट क्रिएटर्स भी तारीफ की.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमरा देश कोई जियो-पॉलिटल देश नहीं है, हमारा देश जियो कल्चरल देश है. इस देश ने एक कल्चरल फ्रेमवर्क में लोगों को एक साथ रखा है.
अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया के देश के खिलाफ दुरुपयोग को रोकने की कोशिश पर कहा कि गलत सूचना को लेकर हमें देशवासियों को जागरुक करने के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बात करके निष्कर्ष निकालना आवश्यक है.
2025 में निकलेगी पहली मेक इन इंडिया चिप
सेमीकंडक्टर पर उन्होंने कहा कि आज यह एक फाउंडेशनल इंडस्ट्री है. जो भी चीज ऑन ऑफ होती है, उसमें सेमीकंडक्टर का उपयोग होता है. हमारे देश में 1962 से प्रयास किया गया था कि सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक इकोसिस्टम बने. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग का इकोसिस्टम बन रहा है. पांच यूनिट्स ऐसे हैं, जिनमें तेजी से कंस्ट्रक्शन चल रहा है. साल 2022 की जनवरी में यह स्कीम लॉन्च हुई थी और 2025 में पहली मेक इन इंडिया चिप निकलेगी.
IICT की स्थापना
क्रिएटर्स को प्रोत्साहन दिए जाने को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नौजवानों में गजब की क्रिएटिवटी. पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया अभियान शुरू कर नौजवानों को इस नई ताकत के जरिए IIT की तरह IICT यानी इंडियन इंस्टीट्यूट क्रिएटीव टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है.
कश्मीर घाटी के लोगों के जीवन में आएगा परिवर्तन
रेल मंत्री ने बताया कि चेनाब ब्रिज एफिल टावर से भी 35 मीटर्स ऊंचा है. यह बहुत बड़ा इंजीनियरिंग मॉवेल है. इंजीनियरिंग के अलावा जम्मू और श्रीनगर को और कश्मीर की घाटी को जम्मू से जोड़ने की भावना है. कश्मीर घाटी में रहने वाले हमारे सभी नागरिकों के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाने की भावना है. इस रेलवे ट्रैक से अच्छे तरीके से उनके यहां सामान पहुंचेगा. घाटी के लोग ठीक से ट्रैवल कर पाएंगे.
ये रेलवे लाइन बहुत जटील है, जिसमें आप देखेंगे, तो टनल, ब्रिज, टनल, ब्रिज, टनल है. इस तरह से प्लेन एरिया नहीं है. हिमालयन माउंटेंस बहुत ही यंग माउंटेंस हैं. इनमें टनलिंग का काम करना बहुत मुश्किल होता है इसमें एक नया टनलिंग का मेथड इन्वेंट हुआ है उसका नाम हिमालयन टनलिंग मेथड है.
उन्होंने कहा कि हमें अभी संतुष्ट नहीं होना है. हमें इससे भी बहुत आगे और भी ज्यादा रिलायबिलिटी बढ़ानी है और भी ज्यादा मेंटेनेंस को इंप्रूव करना है. तभी सेफ्टी का इंप्रूवमेंट आएगा. फंड्स की आज कमी नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी हमें पर्याप्त फंड दे रहे हैं और टीम पूरी तरह से मेहनत कर रही है. इसके रिजल्ट भी नजर आएंगे.
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