अब सिगरेट-तंबाकू का होगा ‘आधार जैसा’ नंबर, जानें सरकार क्यों कर रही ऐसा
यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग के लिए सरकार जल्द ही नियम बनाएगी. शनिवार, 21 दिसंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में इसके लिए कानूनी ढांचा बनाने के लिए जीएसटी एक्ट में संशोधन की मंजूरी दी गई.
अब सिगरेट, पान मसाले जैसे तंबाकू वाले प्रोडक्ट का आधार जैसा नंबर होगा. यानी हर सिगरेट और तंबाकू के पाउच की एक खास पहचान होगी. इसके लिए एक यूनीक आईडी बनाने की तैयारी है. यह यूनीक आईडी कैसी होगी, इसको लेकर सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी करने वाली है. इस यूनीक आईडी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सरकार हर सिगरेट और गुटखा प्रोडक्ट को ट्रैक कर सकेगी. असल में सरकार इस कदम के जरिए जीएसटी चोरी को रोकना चाहती है.
क्या है यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग (UMI)
यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग (UMI) ऐसे होगी, जिससे तंबाकू के प्रोडक्ट्स को “track & trace” किया जा सकेगा और उनकी कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सकेगी. साथ ही इससे सरकर को होने वाले राजस्व नुकसान से भी बचाया जा सकेगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यूनीक आईडी लागू नहीं करने वाली कंपनियों पर 1 लाख रुपये या कुल टैक्स का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा. शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में इसके लिए कानूनी ढांचा बनाने के लिए जीएसटी एक्ट में संशोधन की मंजूरी दी गई है.
कैसा होगा यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग
यूनिक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग के लिए सरकार जल्द ही नियम बनाएगी. इसमें डिजिटल स्टैंप या यूनिक साइन हो सकता है, जिसे हटाया नहीं जा सकेगा. एक बार इसकी टेक्नोलॉजी को अंतिम रूप देने के बाद आगे की प्रक्रिया पर काम किया जाएगा. कई देशों ने अपनी पूरी सप्लाई चेन में ऐसे प्रोडक्ट्स को ट्रैक और ट्रेस करने के लिए इस प्रकार की टेक्नोलॉजी अपनाए हैं.
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कितना लगता है GST
फिलहा तंबाकू और सिगरेट 28 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में है. हाल ही में GoM ने कई टैक्स बदलावों का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सिगरेट और तंबाकू जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी रेट बढ़ाना शामिल है. फीलहाल सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने की बात कही गई है. जीएसटी काउंसिल को ऐसा लगता है कि इस समय बड़े पैमाने पर कई ऐसे प्रोडक्ट हैं, जिन पर जीएसटी चोरी की जा रही है. पिछले साल करीब, अकेले सिगरेट को लेकर 180 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले सामने आए थे.