7 महीने के निचले स्तर पर खुदरा महंगाई, वित्त वर्ष 25 में तीसरी बार 4 फीसदी से नीचे
Retail Inflation FEB 2025: फरवरी में आई गिरावट तीसरा मौका है, जब इस वित्तीय वर्ष में महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे रही. यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के चलते आई. महंगाई में नरमी से अब पॉलिसी रेट में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
Retail Inflation FEB 2025: महंगाई के मोर्चे पर लोगों को बड़ी राहत मिली है. सरकार द्वारा 12 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में भारत की खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर 3.61 फीसदी पर आ गई, जबकि खाद्य महंगाई दर में और गिरावट आई. फरवरी में आई गिरावट तीसरा मौका है, जब इस वित्तीय वर्ष में महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे रही.
खाद्य महंगाई दर
सितंबर 2024 के बाद पहली बार खाद्य महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे आ गई. भारत की खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में चार महीनों में पहली बार 8 फीसदी से नीचे आ गई थी, क्योंकि खाद्य कीमतों में पिछले वर्ष की तुलना में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.
यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के चलते आई. खाद्य महंगाई दर – जो कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है. जनवरी में 5.97 फीसदी से फरवरी में गिरकर 3.75 फीसदी हो गई. आधिकारिक डेटा में कहा गया है कि फरवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति मई 2023 के बाद सबसे कम है.
सब्जियों की महंगाई दर
सब्जियों की महंगाई दर घटकर 1.07 फीसदी रह गई, जबकि जनवरी में इसमें 11.35 फीसदी की वृद्धि हुई थी. अनाज की कीमतों में जनवरी में 6.24 फीसदी की बढ़ोतरी के मुकाबले 6.10 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि दालों की कीमतों में पिछले महीने 2.59 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले 0.35 फीसदी की गिरावट आई.
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रेपो रेट में कटौती की उम्मीद
रिटेल महंगाई दर में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) को अपनी अप्रैल की बैठक में पॉलिसी रेट में और कटौती करने में मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि उपभोक्ता मुद्रास्फीति का आंकड़ा RBI के 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे चला गया है. सरकार ने रिजर्व बैंक को महंगाई दर को 4 फीसदी ( 2 फीसदी कम और ज्यादा) पर कंट्रोल करके रखने की जिम्मेदारी है. अब महंगाई दर रिजर्व बैंक के काबू में है.