मार्च में घटी खुदरा महंगाई दर, सस्ती हुईं खाने-पीने की चीजें

Retail Inflation: भारतीय खुदरा महंगाई दर में मार्च में गिरावट आई है. सब्जियों तथा प्रोटीन वाले उत्पादों की कीमतों में गिरावट के चलते महंगाई दर घटी है. भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल महंगाई दर पर गौर करता है.

खुदरा महंगाई दर घटी. Image Credit: Getty image

Retail Inflation: लोगों को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. भारतीय खुदरा महंगाई दर में मार्च में गिरावट आई है. फरवरी के 3.61 फीसदी के मुकाबले मार्च में रिटेल महंगाई दर 3.34 फीसदी पर आ गई है. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61 फीसदी से और कम होकर 3.34 फीसदी पर आ गई.

सब्जियों के दाम घटे

नवंबर 2021 के बाद से खाद्य मुद्रास्फीति सबसे कम दर्ज की गई. सब्जियों तथा प्रोटीन वाले उत्पादों की कीमतों में गिरावट से खुदरा महंगाई दर मार्च में घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 फीसदी पर आ गई. इससे पहले अगस्त, 2019 में यह 3.28 फीसदी के स्तर पर रही थी.

पिछले साल मार्च में कितनी थी महंगाई?

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर फरवरी में 3.61 फीसदी पर और पिछले साल मार्च में 4.85 फीसदी पर रही थी. खाद्य महंगाई दर मार्च में 2.69 फीसदी रही, जबकि फरवरी में यह 3.75 फीसदी और मार्च में 2024 में 8.52 फीसदी थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल महंगाई दर पर गौर करता है. रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 फीसदी घटाकर 6 फीसदी कर दिया है.

रेपो रेट में कटौती

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर के 4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इसमें पहली तिमाही में इसके 3.6 फीसदी, दूसरी तिमाही 3.9 फीसदी, तीसरी तिमाही 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है.

थोक महंगाई दर घटी

इस बीच, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर मार्च में मंथली आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 फीसदी पर आ गई. इससे पहले पिछले साल सितंबर में थोक महंगाई दर 1.91 फीसदी पर रही थी.

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