2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत, ग्लोबल जीडीपी में बढ़ेगा हिस्सा : मॉर्गन स्टेनले
India 2030 से पहले ही 5 ट्रलियन डॉलर के अहम स्तर को पार करते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनले का कहना है कि भारत में उपभाेक्ता मांग तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा भारत की विशाल और स्थिर अर्थव्यवस्था को प्रभावी नीतियों और बेहतर बुनियादी ढांचे का सपाेर्ट मिल रहा है.
वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनले का कहना है आर्थिक स्थिरता, प्रभावी नीतियों और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इसके साथ ही दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार होगा और वैश्विक उत्पादन में भी इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी.
कितनी बड़ी होगी भारत की इकोनॉमी
स्टेनले की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2023 में 3,500 अरब डॉलर रहा. 2026 में यह 4,700 अरब डॉलर तक बढ़ जाएगी. इस तरह यह अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा. वहीं, 2028 में जर्मनी से आगे निकल जाएगा और अर्थव्यवस्था का आकार 5,700 अरब डॉलर तक हो जाएगा.
ग्लोबल जीडीपी में बढ़ेगा हिस्सा
मॉर्गन स्टेनले की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में भारत दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था. बाद में साल 2000 में 13वें स्थान पर खिसक गया. इसके बाद 2020 में यह 9वें स्थान पर और 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है. इस दौरान ग्लोबल जीडीपी में भी भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है. 2029 में यह बढ़कर 4.5 फीसदी होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दशकों में वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. इसका कारण मजबूत जनसंख्या वृद्धि, लोकतंत्र, वृहद आर्थिक स्थिरता से प्रभावित नीति, बेहतर बुनियादी ढांचा, बढ़ता हुआ उद्यमी वर्ग और सामाजिक परिणामों में सुधार है.
2035 तक 10 ट्रिलियन संभव
रिपोर्ट में भारत के विकास के लिए तीन परिदृश्यों का अनुमान लगाया गया है. पहली स्थिति में अर्थव्यवस्था 2025 में 3,650 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 6,600 अरब डॉलर हो जाएगी. दूसरी स्थिति में यह बढ़कर 8,800 अरब डॉलर हो सकती है, जबकी तीसरा स्थिति में इसकाआकार बढ़कर 10,300 अरब डॉलर हो जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 2025 में 2,514 डॉलर से बढ़कर 2035 में नरमी के परिदृश्य में 4,247 डॉलर, आधार परिदृश्य में 5,683 डॉलर और तेजी के परिदृश्य में 6,706 डॉलर हो जाएगी.