सरकार ने सैमसंग को दिया झटका, 601 मिलियन डॉलर के टैक्स और फाइन चुकाने का आदेश

Samsung: सैमसंग अपने नेटवर्क डिविजन के जरिए टेलीकॉम उपकरणों का इंपोर्ट भी करती है. सैमसंग ने टेलीकॉम उपकरणों को इंपोर्ट कर अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो को बेचा था. सीमा शुल्क अधिकारियों के जांच में कुछ और भी जानकारियां सामने आई हैं.

सैमसंग को टैक्स के साथ फाइन भरने का आदेश. Image Credit: Getty image

Samsung: सरकार ने सैमसंग को बड़ा झटका दिया है. देश में प्रमुख टेलीकॉम उपकरणों के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए 601 मिलियन डॉलर का पिछला टैक्स और जुर्माना भरने का आदेश दिया है. यह हाल के वर्षों में सबसे बड़ी डिमांड में से एक है. यह डिमांड भारत में सैमसंग के पिछले साल के 955 मिलियन डॉलर के नेट प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा है. सैमसंग कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन बाजार की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. इसे टैक्स न्यायाधिकरण या अदालतों में चुनौती दी जा सकती है.

कंपनी ने कहां की गड़बड़ी?

सैमसंग अपने नेटवर्क डिविजन के जरिए टेलीकॉम उपकरणों का इंपोर्ट भी करती है. कंपनी को मोबाइल टावरों में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन कॉम्पोनेंट पर 10 फीसदी या 20 फीसदी के टैरिफ से बचने के लिए आयात को गलत तरीके से कैटेगराइज्ड करने के लिए 2023 में चेतावनी दी गई थी. सैमसंग ने टेलीकॉम उपकरणों को इंपोर्ट कर अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो को बेचा था.

सैमसंग ने डाला दबाव

सैमसंग ने भारत के टैक्स प्राधिकरण पर जांच को खत्म करने का दबाव डाला. कंपनी ने इसके पीछे दलील दी कि कॉम्पोनेंट पर टैरिफ नहीं लगेगा और अधिकारियों को वर्षों से इसके कैटेगराइजेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था. रायटर्स के अनुसार, सीमा शुल्क अधिकारियों ने 8 जनवरी के गोपनीय आदेश में इसपर असहमति जताई थी, जो पब्लिक नहीं है.

सरकारी खजाने के साथ फ्रॉड

कस्टम कमीश्नर सोनल बजाज ने आदेश में कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया और जानबूझकर सीमा शुल्क प्राधिकरण के सामने मंजूरी के लिए झूठे दस्तावेज पेश किए. जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने सरकारी खजाने को धोखा देकर अपने लाभ को अधिकतम करने के अपने एकमात्र उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी व्यावसायिक नैतिकता और इंडस्ट्री प्रैक्टिस का उल्लंघन किया है.

बकाया टैक्स और जुर्माना

आदेश के अनुसार, सैमसंग को 44.6 अरब रुपये (520 मिलियन डॉलर) का भुगतान करने का आदेश दिया गया, जिसमें बकाया टैक्स और 100 फीसदी जुर्माना शामिल है. भारत के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है, जिनमें नेटवर्क डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट सुंग बीम होंग, सीईओ डोंग वोन चू और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर शीतल जैन के साथ सैमसंग के इन डायेक्टर टैक्स के जनरल मैनेजर निखिल अग्रवाल भी शामिल हैं.

कंपनी ने कही ये बात

सैमसंग ने एक बयान में कहा कि यह मुद्दा सीमा शुल्क द्वारा वस्तुओं के कैटेगराइजेशन की व्याख्या से जुड़ा है. कंपनी ने कहा कि यह भारतीय कानूनों का अनुपालन करता है. हम अपने अधिकारों की पूरी तरह से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी विकल्पों का आकलन कर रहे हैं. भारत विदेशी कंपनियों और उनके आयात पर सख्त निगरानी कर रहा है.

ये डिटेल्स भी जांच में सामने आईं

सैमसंग विवाद ‘रिमोट रेडियो हेड’ के आयात पर केंद्रित है, जो एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी सर्किट है जो एक छोटे आउटडोर मॉड्यूल में शामिल है जिसे टैक्स अधिकारियों ने 4G टेलीकॉम सिस्टम के सबसे महत्वपूर्ण पार्ट्स में से एक है. भारतीय अधिकारियों ने पाया कि 2018 से 2021 तक, सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर के कॉम्पोनेंट के आयात पर कोई बकाया नहीं चुकाया है.

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