हर साल बनेंगे 2 लाख रेलवे के पहिए, वंदे भारत और हाई स्पीड ट्रेन पर दिखेगा मेक इन इंडिया

इंडियन रेलवे हर साल 2 लाख फोर्ज्ड व्हील्स बनाने जा रही है, जिसका इस्तेमाल भारत की हाई स्पीड ट्रेनों में होगा. इसके अलावा, इन्हें एक्सपोर्ट भी किया जाएगा. इसका निर्माण तमिलनाडु में किया जाएगा.

वंदे भारत एक्सप्रेस Image Credit: PTI

भारत के आत्मनिर्भर पहल को और ऊंचाई मिलने वाली है, क्योंकि भारतीय रेल वंदे भारत एक्सप्रेस सहित हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए सालाना 2 लाख फोर्ज्ड व्हील्स का निर्माण करने जा रही है. इससे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूती मिलेगी, वहीं विदेशों से पहियों के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता कम होगी.

कहां होगा निर्माण

फोर्ज्ड व्हील का निर्माण तमिलनाडु के फोर्ज्ड व्हील प्लांट RTRWL में किया जाएगा, जो 2026 में प्रोडक्शन शुरू करेगा. यह प्लांट पोर्ट के करीब है, जिससे एक्सपोर्ट करना आसान होगा. इन पहियों के निर्माण के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने RTRWL प्लांट का दौरा किया और चल रहे कार्यों की समीक्षा की. राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर का लक्ष्य प्राइवेट इंडियन एंटिटीज के माध्यम से व्हील प्रोडक्शन का 100 फीसदी लोकलाइजेशन करना और भविष्य की डिमांड को पूरा करना है.

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2023 में हुई थी डील

2023 में भारतीय रेलवे ने Ramkrishna Forgings Limited (RKFL) और Titagarh Rail Systems Limited (TRSL) के बीच 20 सालों के लिए 15,40,000 फोर्ज्ड व्हील्स का कॉन्ट्रैक्ट किया था. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत पहले साल 40,000 फोर्ज्ड व्हील्स, दूसरे साल 60,000 व्हील्स, और उसके बाद हर साल 80,000 व्हील्स की डिलीवरी होगी. यह कॉन्ट्रैक्ट 12,226.5 करोड़ रुपये का है. कंपनी कुल प्रोडक्शन में से 80,000 पहियों को घरेलू जरूरतों के लिए और शेष 1.20 लाख पहियों को एक्सपोर्ट करेगी.

भारत में हाई-स्पीड ट्रेनें

पिछले साल भारतीय रेलवे ने दो हाई-स्पीड ट्रेनों के निर्माण के लिए BEML को 867 करोड़ रुपये का ठेका दिया था. ये ट्रेनें मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कॉरिडोर पर चलेंगी. ये ट्रेन सेट BEML के बेंगलुरु रेल कोच कॉम्प्लेक्स में बनाए जाएंगे और 2026 के अंत तक डिलीवरी होने की उम्मीद है. इसमें 280 किमी प्रति घंटे की गति के साथ पहली बार स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित ट्रेन सेट शामिल होंगे.