पांच महीने के निचले स्तर पर कोर सेक्टर ग्रोथ, रिफाइनरी और कच्चे तेल के उत्पादन में बड़ी गिरावट
फरवरी 2025 में भारत के कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.9% रह गई, जो जनवरी के 5.1% से काफी कम है. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन में कमी और रिफाइनरी उत्पादन में गिरावट मुख्य कारण हैं. हालांकि, उर्वरक और सीमेंट उत्पादन में वृद्धि हुई है. यह औद्योगिक प्रदर्शन में मिश्रित रुझान दर्शाता है, कुछ क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि और अन्य में उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है.

देश की अर्थव्यवस्था की दिशा-दशा का संकेत देने वाले 8 प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई है. फरवरी 2025 में भारत के 8 प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 2.9% रह गई है. अर्थव्यवस्था प्रमुख उद्योगों के इस समूह में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं. इन उद्योगों की वृद्धि दर, देश की आर्थिक स्थिति का एक अहम संकेतक है.
क्यों आई गिरावट?
इस मंदी का मुख्य कारण कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में तेज गिरावट है. कच्चे तेल का उत्पादन फरवरी में 5.2% कम हुआ, जबकि प्राकृतिक गैस उत्पादन में 6% की गिरावट दर्ज की गई.
रिफाइनरी का उत्पादन
रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि दर भी जनवरी के 8.3% से घटकर फरवरी में 0.8% पर आ गई. कोयला उत्पादन में वृद्धि दर 1.7% रही, जो पिछले छह महीनों में सबसे धीमी है. हालांकि, बिजली उत्पादन में मामूली सुधार हुआ, जो जनवरी के 2.4% से बढ़कर फरवरी में 2.8% हो गया है.
स्टील उत्पादन बढ़ा
स्टील उत्पादन फरवरी में 5.6% बढ़ा, जो जनवरी के 4.7% की तुलना में अधिक है. सीमेंट उत्पादन में 10.5% की वृद्धि हुई, हालांकि यह जनवरी के 14.6% की वृद्धि से कम है. उर्वरक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो जनवरी के 3% से बढ़कर फरवरी में 10.2% हो गई.
बुनियादी ढांचा उत्पादन बढ़ा
अप्रैल से फरवरी FY25 की अवधि में बुनियादी ढांचा उत्पादन में 4.4% की वृद्धि हुई है. जबकि, पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 7.8% थी. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण पुराने क्षेत्रों से उत्पादन में कमी और प्रमुख रिफाइनरियों में रखरखाव से संबंधित आउटेज है.
IIP में अहम योगदान
कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली उद्योगों के उत्पादन का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी IIP में 40.3% योगदान होता है. फिलहाल, कोर सेक्टर के आंकड़े मिश्रित औद्योगिक प्रदर्शन का संकेत देते हैं, जहां कुछ क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि देखी गई है, जबकि अन्य क्षेत्रों में उत्पादन में गिरावट आई है.
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