सात महीने के निचले स्तर आया भारत का फॉरेक्स रिजर्व, जानें क्यों खाली हो रहा देश का खजाना?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) लगातार घट रहा है. शुक्रवार रिजर्व बैंक की तरफ से जारी वीकली डाटा के मुताबिक फिर से फॉरेक्स रिवर्ज में बड़ी गिरावट हुई है. सितंबर में 705 अरब डॉलर के शीर्ष पर पहुंचने के बाद अब क्यों लगातार गिरावट आ रही है, आइए जानते हैं.
आर्थिक मोर्चे पर शुक्रवार को देश को दो बड़े झटके लगे हैं. एक तरफ जहां रुपये डॉलर के मुकाबले अब तक सबसे निचले स्तर पर चला गया है. वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार भी सात महीने के निचले स्तर पर आ गया है. शुक्रवार शाम को रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए गए वीकली डाटा के मुताबिक 20 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व में 850 करोड़ डॉलर की कमी आई है.
रिजर्व बैंक के डाटा के मुताबिक 20 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का फॉरेक्स रिवर्ज 644.39 अरब डॉलर रहा. पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें 8.5 अरब डॉलर की कमी आई है. इस महीने यह सबसे बड़ी गिरावट है. पिछले दो सप्ताह के दौरान फॉरेक्स रिजर्व में 5.2 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है. यह लगातार तीसरा सप्ताह है, जब फॉरेक्स रिवर्ज में गिरावट हुई है. इससे पहले 4 अक्टूबर से 22 नवंबर तक लगातार 8 सप्ताह तक गिरावट का दौर चला था. 29 अक्टूबर को इसमें 1.51 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी.
दिसंबर में कितना घटा
29 नवंबर में हुई 1.5 अरब डॉलर की बढ़त के बाद दिसंबर में फॉरेक्स रिजर्व लगातार तीन सप्ताह से घट रहा है. 29 नवंबर को फॉरेक्स रिजर्व 658 अरब डॉलर रहा. इस तरह दिसंबर के तीन सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व में 14 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है. इससे पहले 4 अक्टूबर से 22 नवंबर तक हुई लगातार गिरावट के चलते 48 अरब डॉलर की कमी आई थी.
सात महीने के निचले स्तर पर
20 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिवर्ज करीब 7 महीने पहले यानी 10 मई, 2024 के स्तर पर आ गया है. 10 मई को खत्म हुए सप्ताह में रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक फॉरेक्स रिवर्ज 644 अरब डॉलर रहा था. वहीं, 705 अरब डॉलर के साथ 27 सितंबर को शीर्ष पर रहा. इसके अलावा 19 जनवरी और 16 फरवरी को 616 अरब डॉलर इस साल का सबसे निचला स्तर है.
20 दिसंबर का हाल
RBI की तरफ से जारी वीकली डाटा के मुताबिक 20 दिसंबर को टोटल फॉरेक्स रिवर्ज 644.391 अरब डॉलर रहा. पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें कुल 8.47 अरब डॉलर की कमी आई है. फॉरेक्स रिजर्व के सबसे अहम हिस्से फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में इस दौरान 6 अरब डॉलर की कमी आई है. यह अब घटकर 556.562 अरब डॉलर रह गया है. इसके अलावा गोल्ड रिजर्व में 2.33 अरब डॉलर की कमी आई है. यह घटकर 65.72 अबर डॉलर का रह गया है. इसके अलावा SDR और IMF रिजर्व में भी कमी आई है. 11.2 करोड़ डॉलर की कमी के साथ SDR 17.88 अरब डॉलर का रह गया है. वहीं, IMF रिजर्व 2.3 करोड़ डॉलर की कमी के साथ 4.2 अरब डॉलर रह गया है.
क्यों घट रहा रिजर्व
फॉरेक्स रिजर्व में कमी के कई कारण हैं. इनमें व्यापार घाटा, रुपये के मूल्य में गिरावट, निर्यात में कमी और डॉलर में लगातार आ रही मजबूती शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की तरफ से पूंजी निकालने की वजह से भी डॉलर का आउटफ्लो बढ़ गया है. इसके अलावा अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, ब्रिटेन सहित तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं, जिसकी वजह से विदेशी निवेशक भारतीय रुपये में ही यहां अपनी संपत्तियां रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से भी विदेशी मुद्रा भंडार घटता है.