दुनिया के टॉप 10 सेंट्रल बैंकों से ज्यादा भारतीयों के घरों में भरा है सोना, जानें क्या कहती है नई रिपोर्ट?

भारत में सोने की खपत हमेशा से चर्चा का विषय रही है, लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया. क्या आप जानते हैं कि भारतीय घरों में कितना सोना जमा है. भारत में सोने का भंडार प्रमुख विश्व के सेंट्रल बैंकों को टक्कर दे रहा है. आर्टिकल में पढ़ें पूरी खबर.

भारत में सोने का भंडार Image Credit: Canva

भारत में सोने का महत्व सिर्फ आभूषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आर्थिक दोनों रूपों में बेहद अहम भूमिका निभाता है. HSBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरों में सोने का भंडार 25,000 टन तक पहुंच गया है, जो दुनिया के शीर्ष 10 केंद्रीय बैंकों के कुल भंडार से भी अधिक है. यह आंकड़ा न केवल भारत की पारंपरिक सोने की दीवानगी की झलक है बल्कि इसे संपत्ति सुरक्षित रखने के सबसे मजबूत विकल्पों में से एक साबित होता है.

भारत में सोने की खरीददारी का सीधा संबंध परंपराओं और निवेश से जुड़ा हुआ है. शादी-ब्याह, त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान सोने की मांग अपने चरम पर होती है. खासकर ग्रामीण इलाकों में सोने को संपत्ति का सबसे सुरक्षित रूप माना जाता है, जहां यह बैंकिंग सेवाओं का विकल्प भी बनता है. महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता के समय में यह एक भरोसेमंद निवेश साबित होता है. यही वजह है कि भारत सोने के दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बना हुआ है.

वैश्विक प्रभाव और केंद्रीय बैंकों की रणनीति

HSBC की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन, स्विट्जरलैंड, जापान और तुर्की के सेन्ट्रल बैंकों में कुल मिलाकर जितना सोना रखा हुआ है भारतीयों ने उससे ज्यादा सोना अपने घरों में रखा है. इतना ही नहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अपने सोने के भंडार में लगातार इजाफा कर रहा है. यह वैश्विक रुझान को दर्शाता है, जहां केंद्रीय बैंक आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए सोने को एक मजबूत सुरक्षा कवच मान रहे हैं.

भले ही सोने की अधिक खपत देश के व्यापार घाटे को प्रभावित करती हो लेकिन यह भारतीय घरों में धन-संग्रह की एक स्थायी परंपरा बनी रही है.

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