कितनी लंबी है सिंधु नदी, भारत-पाक नहीं यहां से है निकलती, 20 विशालकाय बांधों का फैला है जाल
सिंधु नदी, जो तिब्बत से निकलकर भारत और पाकिस्तान होते हुए अरब सागर में गिरती है, दक्षिण एशिया की जीवनरेखा मानी जाती है. हाल ही में पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया है. इससे पाकिस्तान को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है. सिंधु नदी की कई सहायक नदियां और उस पर बने डैम दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

Indus River: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में सैलानियों पर हुए हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया है. सरकार के इस कदम से तत्काल पाकिस्तान पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर यह निलंबन ज्यादा दिनों तक जारी रहता है तो पाकिस्तान को पानी की कमी हो जाएगी. पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की जीवनरेखा कही जाने वाली सिंधु नदी लगभग 3000 किलोमीटर लंबी है, जो इसे एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक बनाती है. इस नदी के पानी पर पाकिस्तान पूरी तरह निर्भर है क्योंकि नदी का लंबा हिस्सा पाकिस्तान में ही पड़ता है.
कहां से निकलती है नदी
इस नदी की उत्पत्ति तिब्बत (चीन) में स्थित बोखार चू ग्लेशियर से होती है. यह ग्लेशियर मानसरोवर झील के पास है. वहां से बहते हुए यह नदी भारत में डेमचोक के पास प्रवेश करती है. यहां से बहती हुई यह नदी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रवेश करती है. इसके बाद यह पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के मैदानों में प्रवेश करती है. नदी का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है और पूरा पंजाब का उपजाऊ क्षेत्र इसी के पानी से सिंचित होता है. पाकिस्तान के मैदानों से गुजरती हुई यह नदी कराची के पास अरब सागर में मिल जाती है.

कौन सी नदियां हैं सहायक
3000 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस नदी की कई छोटी-बड़ी सहायक नदियां हैं, जिनमें बाईं ओर (लेफ्ट बैंक) जास्कर नदी, सुरू नदी, सोन नदी, झेलम नदी, चिनाब नदी, रावी नदी, ब्यास नदी, सतलुज नदी, पंजनाद नदी और दाईं ओर (राइट बैंक) श्योक नदी, गिलगित नदी, हुंजा नदी, स्वात नदी, कुन्नार नदी, कुर्रम नदी, गोमल नदी, तोची नदी और काबुल नदी शामिल हैं.

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नदी पर बने मुख्य डैम
सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों पर कई हाइड्रोपावर डैम बने हैं, जिनमें कई बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं जो बिजली पैदा करती हैं. भारत में सतलुज नदी पर भाखड़ा डैम (1,325 मेगावाट) और ब्यास नदी पर पंडोह डैम (990 मेगावाट) प्रमुख हैं. चिनाब नदी पर बघलीहार (900 मेगावाट) और धूलहस्ती (390 मेगावाट), जबकि झेलम पर उरी (480 मेगावाट) और किशनगंगा परियोजना (330 मेगावाट) स्थित हैं. पाकिस्तान में सिंधु नदी पर टरबेला डैम (4,888 मेगावाट) सबसे बड़ा है, जबकि झेलम पर मंगला डैम (1,000 मेगावाट) और नीलम-झेलम परियोजना (969 मेगावाट) भी प्रमुख हैं. ये सभी डैम बिजली उत्पादन के साथ-साथ जल प्रबंधन और सिंचाई में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

भारत में कितनी लंबी है नदी
लगभग 3000 किलोमीटर लंबी यह नदी मात्र 710 किलोमीटर ही भारत में पड़ती है. यह नदी जम्मू कश्मीर और लद्दाख से होकर गुजरती है. हालांकि वास्तविकता में इस नदी का बहुत छोटा हिस्सा ही भारत के कब्जे में है क्योंकि भारत के दावे का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पड़ता है.
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