RBI की सख्ती के बाद IndusInd Bank में हलचल, बैंक में वित्तीय फ्रॉड की जांच करेगी Grant Thornton

IndusInd Bank में हाल ही में एक बड़ी अकाउंटिंग गड़बड़ी की खबरें सामने आई जिससे इसके शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इस मामले के बाद Grant Thornton द्वारा फॉरेंसिक ऑडिट किया जाएगा. क्या यह सिर्फ गलती थी या इसके पीछे कुछ बड़ा राज छिपा है?

Indusind bank Image Credit: TV9 Bharatvarsh

IndusInd Bank में सामने आई अकाउंटिंग गड़बड़ी और संभावित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया गया है. यह फॉरेंसिक समीक्षा यह पता लगाने के लिए की जा रही है कि कहीं आंतरिक हेरफेर या धोखाधड़ी तो नहीं हुई. बैंक का यह कदम मार्च में सामने आई डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 175 मिलियन डॉलर (करीब 1450 करोड़ रुपये) की अधिक मूल्यांकन की गलती के बाद आया है. यह खबर रॉयटर्स ने अपने सोर्स के आधार पर रिपोर्ट की है.

क्या है मामला?

इंडसइंड बैंक, जो भारत का पांचवां सबसे बड़ा निजी बैंक है इस गड़बड़ी के बाद से लगातार बाजार में दबाव झेल रहा है. 10 मार्च को जब बैंक ने अपनी 2.35 फीसदी की अधिक मूल्यांकन की गलती उजागर की, तब से इसके शेयरों में लगभग 23.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

बैंक की डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आंतरिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया, जिससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों का उल्लंघन हुआ. हालांकि, आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और यह संकटग्रस्त बैंक नहीं है.

यह भी पढ़ें: Rosneft बेचेगा हिस्सेदारी, अब क्या होगा नायरा के पेट्रोल पंप्स का?

फॉरेंसिक ऑडिट से क्या निकलेगा?

Grant Thornton का यह फॉरेंसिक ऑडिट बैंक के पूरे डेरिवेटिव अकाउंटिंग प्रोसेस की समीक्षा करेगा. इसमें इन अनियमितताओं के लिए कौन जिम्मेदार है, यह भी तय किया जाएगा. इसके अलावा, यह जांचेगा कि क्या लेन-देन में कोई धोखाधड़ी या जानबूझकर की गई गलत बयानी थी. रॉयटर्स सूत्रों के मुताबिक बताया है कि RBI ने IndusInd Bank के CEO और उनके डिप्टी से इस्तीफा देने को कहा है, हालांकि बैंक ने इन दावों को “तथ्यात्मक रूप से गलत” बताया है.

इस मामले के सामने आने के बाद से बैंक के शेयर लगातार दबाव में हैं. निवेशकों को अब इस फॉरेंसिक ऑडिट के नतीजों का इंतजार है, जिससे यह साफ हो सकेगा कि यह केवल एक अकाउंटिंग गलती थी या फिर इससे ज्यादा गंभीर मामला.