इंफोसिस देगी 20,000 फ्रेशर्स को नौकरी, कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ा रही है कंपनी

Infosys: इस बढ़ोतरी की शुरुआत ऐसे समय में की गई है, जब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और विप्रो जैसी कंपनियों ने सैलरी हाइक पर सतर्क रुख अपनाया है. मार्च तिमाही में इंफोसिस ने प्रॉफिट में12 फीसदी की साल-दर-साल आधार पर गिरावट दर्ज की है.

फ्रेशर्स को हायर करेगी इंफोसिस. Image Credit: Getty image

Infosys: आईटी सर्विस सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने 17 अप्रैल को कहा कि उसने जनवरी से ही वित्त वर्ष 26 के लिए सैलरी में बढ़ोतरी की शुरुआत कर दी है. इस बढ़ोतरी की शुरुआत ऐसे समय में की गई है, जब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और विप्रो जैसी कंपनियों ने अनिश्चित कारोबारी माहौल के बीच सैलरी हाइक पर सतर्क रुख अपनाया है. इंफोसिस ने वित्त वर्ष 26 में 20,000 से अधिक फ्रेशर्स को अपॉइन्ट करने का लक्ष्य भी रखा है और इसने वित्त वर्ष 25 में 15,000-20,000 फ्रेशर्स को जोड़ने का अपना लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया है.

सैलरी हाइक के मामले में ट्रैक पर कंपनी

कंपनी की इनकम कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, इंफोसिस के सीएफओ जयेश संघराजका ने कहा कि हम सैलरी बढ़ाने के मामले में ट्रैक पर हैं. वेतन वृद्धि का बड़ा हिस्सा जनवरी में शुरू किया गया था और बाकी 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा. हमारी योजना वित्त वर्ष 26 में 20,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त करने की है.

TCS ने दी है ये दलील

इस बीच पिछले सप्ताह TCS ने कहा कि वह इस साल वेतन वृद्धि को टाल रही है और इसे व्यावसायिक माहौल के आधार पर शुरू करेगी. विप्रो ने कहा कि वित्त वर्ष 26 में सैलरी बढ़ोतरी का फैसला तारीख के करीब आने लिया जाएगा. कंपनी ने पिछले साल सितंबर में समय से पहले वेतन वृद्धि की घोषणा की थी और यह दिसंबर 2023 में सैलरी में इजाफा शुरू करने के एक साल के भीतर किया गया था.

कुल कर्मचारियों की संख्या

इंफोसिस ने 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 199 कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की सूचना दी. वित्त वर्ष 25 के लिए, कंपनी ने 6,388 कर्मचारियों को जोड़ा, जिससे इसके कुल कर्मचारियों की संख्या 3,23,578 हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 3,17,240 थी. पिछले 12 महीने के आधार पर तिमाही के लिए एट्रिशन दर दिसंबर तिमाही में 13.7 फीसदी से बढ़कर 14.1 फीसदी हो गई.

मुनाफे में गिरावट

इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट में 12 फीसदी की साल-दर-साल आधार पर गिरावट दर्ज की, जो 7,033 करोड़ रुपये रही. तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 40,925 करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले साल की तुलना में 7.9 फीसदी अधिक है.

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