INR vs USD: रुपये ने लगातार दूसरे दिन डॉलर को दिखाई आंख, दो दिन में 92 पैसे मजबूत हुआ

डॉलर की तुलना में रुपये में पिछले दो कारोबारी सत्र में लगातार मजबूती आई है. मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर जहां रुपये की प्रोविजनल क्लोजिंग के दौरान 33 पैसे की बढ़ोतरी देखी गई. वहीं, RBI के रेफरेंस रेट के मुताबिक रुपये में इस दौरान 45 पैसे की मजबूती आई है.

रुपया बनाम डॉलर Image Credit: money9live

USD की तुलना में INR में लगातार दूसरे दिन मजबूती आई है. RBI के रेफरेंस रेट के मुताबिक रुपये में शुक्रवार से मंगलवार के बीच दो कारोबारी सत्र में कुल 92 पैसे की मुतबूती आ चुकी है. शुक्रवार 11 अप्रैल को RBI के मुताबिक रुपये का एक्सचेंज मूल्य डॉलर की तुलना में 86.1441 रहा, जबकि इससे पहले 9 अप्रैल को यह 86.6171 रहा था. इस तरह शुक्रवार को रुपये में 47 पैसे की मजबूती आई. वहीं, मंगलवार को डॉलर की तुलना में रुपया 85.6905 के स्तर पर पहुंच गया. इस तरह रुपये में 45 पैसे की मजबूती आई है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इंटर बैंक एक्सचेंज पर INR vs USD के कारोबार में रुपया डॉलर की तुलना में लगातार दूसरे दिन मजबूत हुआ है. मंगलवार को प्राविजन डाटा के हिसाब से रुपया 33 पैसे की मजबूती के साथ डॉलर की तुलना में 85.77 के स्तर पर रहा.

क्यों मजबूत हो रहा रुपया?

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक रुपये के घरेलू और बाहरी दोनों मोर्चों से समर्थन मिल रहा है. एक तरफ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कम कीमतें रुपये के पक्ष में काम कर रही हैं. वहीं, अनुकूल घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने भी रुपये का समर्थन किया है. इसके अलावा अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 फीदी टैरिफ को 9 जुलाई तक हटाने के फैसले को भी कारोबारियों ने सराहा है, जिसकी वजह से रुपये में मजबूती का रुख बना हुआ है.

कैसा रहा रुपये का कारोबार?

इंटर बैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज पर मंगलवार को रुपया 85.85 पर खुला, जो दिन का सबसे निचला स्तर था. इसके बाद दिनभर रुपया इस स्तर से ऊपर बना रहा. इस दौरान 85.59 के इंट्रा डे हाई तक पहुंच गया. प्रोविजनल डाटा के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपया 85.77 पर बंद हुआ, जो पिछले सत्र की क्लोजिंग की तुलना में 33 पैसे की मजबूरी दर्शाता है. इससे पहले शुक्रवार के सत्र में रुपया 58 पैसे की मजबूती के साथ 86.10 पर बंद हुआ था.

क्या है एक्सपर्ट की राय?

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि रुपये की मजबूती के पीछे एक तरफ कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स है. वहीं, दूसरी तरफ घरेलू बाजारों में उछाल भी है. चौधरी ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में रातोंरात गिरावट और बेहतर मैक्रोइकॉनोमिक डाटा ने भी रुपये की मजबूती को समर्थन दिया है. हालांकि, एफआईआई की निकासी की वजह से रुपये पर दबाव बना हुआ है.

आगे कैसा रहेगा रुख

अनुज चौधरी का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी आगे भी निचले स्तर पर रुपये को समर्थन देती रह सकती है. हालांकि, आयातकों की तरफ से डॉलर की खरीद और एफआईआई की निकासी से रुपये में तेज मजबूती की उम्मीद नहीं की जा सकती है. व्यापारी अमेरिका से एम्पायर स्टेट मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने अनुमान जताया कि डॉलर-रुपया की हाजिर कीमत 85.40 रुपये से 86 रुपये के बीच बनी रहेगी.

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