बरौनी रिफाइनरी का होगा विस्तार, बिहार में IOC करेगी 21000 करोड़ का निवेश

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) बिहार में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का इन्वेस्टमेंट करेगी. इसकी जानकारी आईओसी के कार्यकारी निदेशक सुमन कुमार ने दिया. उन्होंने कहा कि बरौनी रिफाइनरी की क्षमता को 6 मिलियन टन से बढ़ाकर 9 मिलियन टन किया जाएगा. इसके साथ ही 16,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नया पेट्रोकेमिकल प्लांट लगाया जाएगा.

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन Image Credit: tv9 भारतवर्ष

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) बिहार में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का इन्वेस्टमेंट करने जा रही है. इसमें बरौनी रिफाइनरी का विस्तार और गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की स्थापना भी शामिल है. बरौनी रिफाइनरी की क्षमता को 6 मिलियन टन से बढ़ाकर 9 मिलियन टन किया जाएगा. इसके साथ ही 16,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नया पेट्रोकेमिकल प्लांट भी लगाया जाएगा. यह प्लांट पॉलीप्रोपिलीन नाम से प्लास्टिक बनाने का कच्चा माल तैयार करेगी. इसके अलावा, आईओसी 5,600 करोड़ रुपये खर्च कर बिहार के 27 शहरों में सीएनजी और पाइप्ड गैस का नेटवर्क बनाएगी.

यूरिया की कमी को पूरा किया

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक सुमन कुमार ने बताया कि कंपनी ने 1964 में बरौनी रिफाइनरी से बिहार में अपनी शुरुआत की थी. अब यह राज्य में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कंपनी ने पहले ही 9,512 करोड़ रुपये खर्च कर बरौनी उर्वरक संयंत्र को दोबारा शुरू किया, जिससे 2022 में यूरिया उत्पादन शुरू हुआ. यह परियोजना देश में यूरिया की कमी को दूर करने के लिए सरकार की योजना का हिस्सा बनी.

ग्रीन एनर्जी को दिया जा रहा बढ़ावा

आगे उन्होंने बताया कि आईओसी का लक्ष्य 2047 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनना है. इसके लिए वह रिफाइनरी की कैपेसिटी, पेट्रोकेमिकल संयंत्र, रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन एनर्जी की परियोजनाओं पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि भारत में तेल की मांग 2023 के 5.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन से बढ़कर 2040 तक 9.3 मिलियन बैरल प्रतिदिन होने का अनुमान है. इसे पूरा करने के लिए देश की रिफाइनरी कैपेसिटी को मौजूदा 256.8 मिलियन टन से बढ़ाकर 450 मिलियन टन करना होगा.

उन्होंने कहा आईओसी न केवल बिहार, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल संयंत्रों का विस्तार कर रही है. साथ ही, हरित ऊर्जा जैसे हाइड्रोजन, जैव ईंधन और सौर ऊर्जा पर भी काम कर रही है. भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है.

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